Meerut Cantt: छावनी में 20 से 21 हजार ही रहेंगे वैध मतदाता, चुनाव नहीं लड़ पाएंगे अवैध कब्जेदार
मेरठ कैंट के चुनाव में अवैध कब्जेदार झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले अतिक्रमण करने वाले मतदाता नहीं बन पाएंगे। साथ ही अवैध कब्जेदार चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। छावनी अधिनियम में इसका पहले से प्रावधान है। सदस्यों का कार्यकाल 12 जुलाई 2021 को पूरा हो चुका है।
मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ छावनी परिषद में अगले चुनाव में अवैध कब्जेदार, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले, अतिक्रमण करने वाले मतदाता नहीं बन पाएंगे। साथ ही अवैध कब्जेदार चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे। छावनी अधिनियम में इसका पहले से प्रावधान है। अब हाईकोर्ट ने भी इसे स्पष्ट कर दिया है। ऐसे में छावनी में मतदाताओं की संख्या आधे से कम 20 से 21 हजार रह सकती है।
परिवर्तित बोर्ड काम कर रहा
छावनी परिषद के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 12 जुलाई 2021 को पूरा हो चुका है। बोर्ड भंग होने के बाद अब परिवर्तित बोर्ड काम कर रहा है। छावनी परिषद का यह चुनाव वर्ष 2015 में हुआ था। जिसमें छावनी अधिनियम के विपरित अवैध कब्जेदार, झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों के नाम भी वोटरलिस्ट में शामिल किए गए थे। चुनाव लडऩे वाले कई सदस्यों पर अतिक्रमण करने का आरोप था। इसके खिलाफ वर्ष 2016 में अमित गुप्ता और तीन अन्य लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव को चुनौती दी थी। अब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रतिपादित सिद्धांतों के अनुसार वोटरलिट तैयार करने का आदेश जारी किया है। साथ ही बोर्ड के निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने की वजह से अन्य मामले को खारिज कर दिया है। आने वाले समय में कैंट से वैधानिक रूप से आवंटित मकान में रहने वाले ही मतदाता बन पाएंगे और चुनाव लड़ पाएंगे।
2015 के चुनाव में 63 हजार से अधिक थे मतदाता
वर्ष 2015 में छावनी के चुनाव में सभी आठ वार्ड में मतदाताओं की संख्या 63002 थी। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के पंचमढ़ी कैंट का चुनाव अवैध ठहराने के बाद से छावनी परिषद ने अवैध कब्जेदारों को वोटरलिस्ट से हटाना शुरू कर दिया था। जिसकी वजह से वर्ष 2016 में जो मतदाता सूची बनी, उसमें मतदाताओं की संख्या घटकर 34244 रह गई थी। वर्ष 2020-21 में जो मतदाता सूची तैयार हुई। इसमें वैध मतदाताओं की संख्या 31362 रह गई। अब हाईकोर्ट ने जिस तरह से छावनी एक्ट को स्पष्ट किया है। उससे आगामी चुनाव में छावनी के आठ वार्ड में 20 से 21 हजार वोटर ही वैध होंगे।
पंचमढ़ी कैंट का चुनाव हुआ था निरस्त
वर्ष 2016 में मध्यप्रदेश में पंचमढ़ी का चुनाव हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया था। उस समय सु्प्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के निर्णय पर मुहर लगाई थी। जिसमें अतिक्रमण करने वाले लोगों को कैंट बोर्ड के चुनाव में मतदान करने की अनुमति देने से इन्कार किया था। इसी को आधार बनाकर मेरठ कैंट के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। जिसमें एक सदस्य को छोड़कर सात सदस्यों के खिलाफ अतिक्रमण करने का आरोप भी लगा था।