Meerut: प्रशासन के हथौड़े से मजबूत निकली कुख्‍यात बदन सिंह बद्दो की कोठी, दो दिनों में सिर्फ 70 फीसद हिस्सा ही टूटा

Badan singh Baddo एमडीए के हथौड़े से भी मोस्‍ट वांटेड बदन सिंह बद्दो की कोठी मजबूत है। लगातार दूसरे दिन की कार्रवाई बितने के बाद भी कोठी का 70 प्रतिशत हिस्‍सा ही टूट पाया है। अब कल कार्रवाई शुरू होगी।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 22 Jan 2021 08:56 PM (IST) Updated:Fri, 22 Jan 2021 08:56 PM (IST)
Meerut: प्रशासन के हथौड़े से मजबूत निकली कुख्‍यात बदन सिंह बद्दो की कोठी, दो दिनों में सिर्फ 70 फीसद हिस्सा ही टूटा
बदन सिंह बद्दो की कोठी पर दूसरे दिन की कार्रवाई।

मेरठ, जेएनएन। ढाई लाख के इनामी कुख्यात बदन सिंह बद्दो की कोठी पर कानून का हथौड़ा दूसरे दिन भी चला। शुक्रवार को एमडीए और पुलिस-प्रशासन का ढीला रवैया देखने को मिला। पूरे दिन में कोठी का दस फीसदी हिस्सा ही मजदूर तोड़ पाए। अब कोठी के 30 फीसदी हिस्से को तोडऩे में एमडीए को मशक्कत करनी पड़ेगी। दरअसल, कोठी के चारों तरफ मलबा होने की वजह से बुलडोजर चल नहीं पाया। मलबा हटाने के बाद ही पूरी कोठी को तोड़ा जा सकेगा।

टीपीनगर थाना क्षेत्र के पंजाबीपुरा मोहल्ला निवासी बदन सिंह बद्दो 28 मार्च 2019 से फरार है। जिसके चलते हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई। तब पुलिस ने बदन सिंह बद्दो पर कार्रवाई करनी शुरू की। पहले बद्दो के घर की कुर्की की गई, फिर उस पर गैंगस्टर लगाई। गुरुवार को कोठी पर बुलडोजर चला दिया। एक ही दिन में कोठी का 60 फीसदी हिस्सा तोड़ दिया गया। घर का हिस्‍सा काफी बड़ा और मजबूती से बने होने के कारण पूरा नहीं तोड़ा जा सका।

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दूसरे दिन की कार्रवाई

शुक्रवार सुबह 11 बजे से फिर से दो बुल्डोजर और बीस मजदूर लगाकर कोठी तोडऩे की कार्रवाई शुरू हुई। दोपहर तक एक बुलडोजर चला। कोठी के तीन तरफ मलबा होने की वजह से बुलडोजर नहीं चल पाए। सिर्फ मजदूरों ने ही अंदर से कोठी को तोड़ा। शुक्रवार को पूरे दिन में सिर्फ कोठी का दस फीसदी हिस्सा टूट पाया। यानि दो दिनों की कार्रवाई में 70 फीसदी कोठी जमींदोज हो गई है। अभी 30 फीसदी कोठी ज्यों की त्यों खड़ी है, जिसे तोडऩा एमडीए के लिए चुनौती से कम नहीं है। दरअसल, कोठी का जो हिस्सा खड़ा है, उसकी दीवारों पर बुडन हुआ है, बाहर से भी पूरी तरह से सीमेंट लगा है, जिसे हथौड़े से तोडऩा मुश्किल हो रहा है।

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मातहतों पर ही छोड़ दिया पूरा काम

शुक्रवार को एमडीए और पुलिस-प्रशासन का कोई भी अफसर कोठी पर नहीं पहुंचा। एमडीए ने अपने मातहत अफसरों को ही मजदूर लेकर कोठी तोडऩे के लिए भेज दिया। पुलिस के अफसर भी कोठी को देखने नहीं पहुंचे। सिर्फ थाना प्रभारी विजय गुप्ता ही चौकी इंचार्ज प्रवीण के साथ मौजूद रहे।

एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि कोठी तोडऩे की जिम्मेदारी एमडीए की है। पुलिस की ड्यूटी कानून व्यवस्था के लिए लगाई गई है। सीओ से लेकर एसओ और पुलिस लाइन से वहां भेजा गया फोर्स मौजूद है। अब तक कोठी का 70 फीसद हिस्सा टूटा है। जल्द ही पूरी कोठी जमींदोज कर दी जाएगी।  

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