मेरठ में रैली के दौरान अखिलेश-जयंत का किसानों को संदेश, गुस्सा भूल न जाना

बुधवार को मेरठ में हुई रैली में अखिलेश-जयंत दोनों नेताओं का भाषण किसानों पर केंद्रित रहा। अखिलेश ने किसानों से वादा किया कि वह भरोसा दिलाकर जा रहे हैं कि सपा व रालोद सरकार बनाएंगी तब किसानों का उनका सम्मान वापस करने का काम करेगी।

By Parveen VashishtaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 06:00 AM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 06:00 AM (IST)
मेरठ में रैली के दौरान अखिलेश-जयंत का किसानों को संदेश, गुस्सा भूल न जाना
मेरठ में हुई गठबंधन की संयुक्त रैली में अखिलेश-जयंत

मेरठ, प्रदीप द्विवेदी। केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेकर किसानों के दिल में भले ही जगह बनाने की कोशिश की हो, लेकिन सपा व रालोद का गठबंधन किसानों को उनका दर्द याद दिलाकर भाजपा के खिलाफ झकझोरने में जुट गया है। दोनों नेता किसानों को यह संदेश देना नहीं भूले कि अपना गुस्सा भूल मत जाना।

दावा किया-किसानों का इंकलाब होगा, 22 में बदलाव होगा

मेरठ के दबथुवा में दोनों दल के गठबंधन की पहली रैली थी। इसमें सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव व रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत सिंह का भाषण किसानों पर ही केंद्रित रहा। अखिलेश यादव ने चौधरी चरण सिंह के साथ बाबा टिकैत के योगदानों को याद किया। दावा किया कि इस बार किसानों का इंकलाब होगा, 22 में बदलाव होगा। तीनों कृषि कानून के लिए किसानों के किए गए आंदोलन व संघर्ष को याद दिलाया। कहा कि 'केंद्र सरकार किसानों से बातचीत करके उन्हें हराना चाहती थी। उन्हें चित करना चाहती थी, लेकिन किसानों ने ही चित कर दिया'।

भरोसा दिलाकर जा रहे हैं

अखिलेश ने किसानों को एमएसपी की भी याद दिलाई। कहा कि इस पर ठोस फैसला हो लेकिन यह सरकार किसानों का हक नहीं देना चाहती है। वादा किया कि वह भरोसा दिलाकर जा रहे हैं कि सपा व रालोद सरकार बनाएगी तब किसानों का उनका सम्मान वापस करने का काम करेगी। इसी बीच उन्होंने गन्ना भुगतान का मामला भी उठाया। उधर जयंत सिंह ने भी तीनों कृषि कानून को वापस लेने पर केंद्र सरकार की चुटकी लेते हुए कहा कि कृषि कानून वापस लेना पड़ा है अब सरकार भी जाएगी। स्थानीय नेताओं पर तंज कसा कि जब किसानों पर अत्याचार हो रहा था तब एक भी भाजपा के नेता की जुबान नहीं खुली। उन्होंने एलान किया कि जब गठबंधन की सरकार बनेगी तब शहीद किसानों की स्मृति में स्मारक बनेगा।

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