मेरठ : डेढ़ साल बाद आगे बढ़ी दुकानों पर लाल निशान की कार्रवाई, व्यापारियों ने जताया विरोध

मेरठ में 2019 में तत्कालीन मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों को लेकर विभागों के साथ बैठक की थी। इसमें नगर निगम लोक निर्माण विभाग एनएचएआइ व गन्ना विभाग आदि के अधिकारी शामिल हुए थे। तभी ये निशान लगाए थे।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 07:00 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 09:25 AM (IST)
मेरठ : डेढ़ साल बाद आगे बढ़ी दुकानों पर लाल निशान की कार्रवाई, व्यापारियों ने जताया विरोध
राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गाजियाबाद की टीम ने पहुंचकर की सड़क की पैमाइश।

मेरठ, जागरण संवाददाता। मेरठ में राष्ट्रीय राजमार्ग खंड गाजियाबाद के स्वामित्व वाली सड़क पर डेढ़ साल बाद लाल निशान की कार्रवाई दोबारा शुरू कर दी गई है। दिसंबर 2019 में बेगमपुल से प्रतिष्ठानों पर लाल निशान की कार्रवाई की गई थी। जिसको लेकर व्यापारियों ने विरोध करते हुए काफी नाराजगी दिखाई थी। बेगमपुल से बच्चा पार्क, इव्ज चौक होते हुए हापुड़ अड्डा चौराहा तक सरकारी व गैर सरकारी सभी भवनों पर लाल निशान लगाए गए थे।

व्‍यापारियों ने घेरा

अब सोमवार से उसी कार्रवाई को हापुड़ अड्डा चौराहे से आगे बढ़ाते हुए हापुड़ रोड पर बिजली बंबा पुलिस चौकी तक पूरी की गई। कार्रवाई के तहत सेंटर लाइन से फीता डालकर सड़क के दोनों तरफ लाल निशान लगाए गए हैं। सोमवार को दुकानों पर लाल निशान लगाने आए अधिकारियों व कर्मचारियों को व्यापारियों ने विरोध करते हुए घेर लिया। व्यापारियों ने कहा कि उनकी दुकानें काफी पुरानी हैं। ऐसे में अतिक्रमण का सवाल कैसे उठ सकता है।

तत्कालीन मंडलायुक्त ने दिए थे निर्देश

2019 में तत्कालीन मंडलायुक्त अनीता सी. मेश्राम ने सड़क सुरक्षा संबंधी नियमों को लेकर सड़क संबंधित सभी विभागों के साथ बैठक की थी। इसमें नगर निगम, लोक निर्माण विभाग, एनएचएआइ व गन्ना विभाग आदि के अधिकारी शामिल हुए। मंडलायुक्त ने निर्देश दिए थे कि सभी सड़कों को संबंधित स्वामित्व वाले विभाग उसकी चौड़ाई को रिकार्ड अभिलेखों के अनुसार, लाल निशान लगाकर अतिक्रमणमुक्त कराएंगे। जिसके बाद लोक निर्माण विभाग की सहयोगी शाखा गाजियाबाद की राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने बेगमपुल से कार्रवाई शुरू की थी। व्यापारियों ने इसका जर्बदस्त विरोध करते हुए प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था। सड़क संबंधित विभागों का कहना है कि सड़क की सेंटर लाइन से दोनों तरफ फीता डालकर जितना मीटर उनके अभिलेखों में दर्ज है, वह उसे कब्जामुक्त कराएंगे।

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