निगम की जमीन पर एमडीए बसाएगा डेयरियों का शहर
मेरठ। कोर्ट के डर से ही सही अफसर अब शहर के लिए मुसीबत बनी 2500 से ज्यादा अवैध डेयरियों को बा
मेरठ। कोर्ट के डर से ही सही अफसर अब शहर के लिए मुसीबत बनी 2500 से ज्यादा अवैध डेयरियों को बाहर करने के लिए गंभीर हो गए हैं। कमिश्नर के आदेश पर गुरुवार को एमडीए के सभागार में आयोजित संयुक्त बैठक में तय हुआ कि नगर निगम दो दिन में अपने लैंड बैंक की जानकारी देगा। उसमें से जमीन चिह्नित करके एमडीए कैटल कालोनी की योजना तैयार करेगा। बैठक में डेयरी संचालकों ने स्पष्ट कहा कि आप कालोनी विकसित कीजिए हम पैसा देंगे और भूखंड खरीदेंगे। उन्होंने दिल्ली रोड पर कांशी गांव तथा जेल रोड पर निगम की भूमि पर कैटल कालोनी बसाने का प्रस्ताव भी दिया।
डेयरी संचालक संघ ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल करके वर्ष 1998 के शासनादेश के मुताबिक शहर के बाहर कैटल कालोनी विकसित कराने की मांग की थी। कमिश्नर डा. प्रभात कुमार से मिलकर भी उन्होंने यही मांग की थी। कमिश्नर के आदेश पर गुरुवार को एमडीए के सभागार में एडीएम सिटी मुकेश चंद्र, एमडीए सचिव राजकुमार, अपर नगर आयुक्त अलीहसन कर्नी तथा डेयरी संचालक संघ की संयुक्त बैठक हुई। इसमें पूरे मामले पर चर्चा की गई। डेयरी संचालकों की ओर से आरटीआइ कार्यकर्ता लोकेश खुराना ने बताया कि मेरठ और बनारस की जनहित याचिकाएं हाई कोर्ट में संयुक्त रूप से सुनी जा रही हैं। बनारस में नगर निगम ने कैटल कालोनी के लिए जमीन उपलब्ध करा दी है। मेरठ में भी निगम के पास काफी जमीन उपलब्ध है। एमडीए जिला प्रशासन के माध्यम से ग्राम समाज की जमीन तथा निजी जमीन भी अधिग्रहीत करके कालोनी बसा सकता है।
बैठक के दौरान अफसरों ने तमाम स्थानों पर भूमि की उपलब्धता पर चर्चा की। आखिरकार तय किया गया कि नगर निगम दो दिन में अपने लैंड बैंक का ब्योरा तैयार करके उपलब्ध कराएगा। उसमें से उपयुक्त भूमि का चयन करके वहां कैटल कालोनी बसाने का प्लान एमडीए तैयार करेगा। इस संबंध में जल्द ही डीएम और कमिश्नर की अध्यक्षता में बैठक होगी।
कांशी और जेल रोड की जमीन का प्रस्ताव : बैठक में डेयरी संचालक संघ के अध्यक्ष महेंद्र उपाध्याय, महामंत्री हाजी असलम, प्रवेश त्यागी आदि ने अफसरों को बताया कि नगर निगम के पास कांशी अच्छरौंडा में 84,350 वर्ग मीटर, जेल रोड पर 54,000 मीटर जमीन उपलब्ध है। कांशी की भूमि शहर के बाहर है, वहां निगम ने ईको पार्क बसाने के लिए एमडीए को दो करोड़ रुपया भी दिया है। ईको पार्क से ज्यादा औचित्य कैटल कालोनी का होगा।
जिला प्रशासन भी कर सकता है मदद : बैठक में पेश किए गए दस्तावेजों के मुताबिक एमडीए सचिव द्वारा 26 सितंबर 2013 में डीएम को पत्र भेजकर शहर के बाहर सभी प्रमुख मार्गो पर महायोजना 2021 के मुताबिक चरागाह की जमीनों पर कैटल कालोनी का प्रस्ताव भेजकर जमीन की मांग की थी। जिला प्रशासन से उक्त पत्र का कोई जवाब एमडीए को नहीं मिला था।
एमडीए ने यहां मांगी थी जमीन
- दिल्ली रोड पर कांशी अच्छरौंडा गांव
- बागपत रोड पर पांचली खुर्द जमालपुर
- बड़ौत मार्ग पर सिंघावली
- खिर्वा रोड पर पांचली खुर्द
- मवाना रोड पर मुजफ्फरनगर सैनी
तो बंद करनी पडे़गी डेयरी : डेयरी संचालकों ने स्पष्ट कहा कि आप शहर के चारों ओर कैटल कालोनी बसा दीजिए। जिस डेयरी को जाना होगा चली जाएगी, जो नहीं जाएगा, उसे डेयरी बंद करनी होगी। इन्होंने कहा--
बैठक अच्छी रही। निगम से भूमि के प्रस्ताव मांगे गए हैं। उपयुक्त भूमि का चयन करके एमडीए से कालोनी की योजना बनवाई जाएगी।
-मुकेश चंद्र, एडीएम सिटी
नगर निगम या जिला प्रशासन भूमि उपलब्ध कराएगा तो हम कैटल कालोनी की योजना कम से कम समय में तैयार कर लेंगे। आज की बैठक सार्थक रही।
-राजकुमार, सचिव एमडीए
नगर निगम दो दिन में अपनी जमीनों की सूची तैयार करके उपलब्ध करा देगा। यदि कहीं कैटल कालोनी की संभावना बनती है तो नगर निगम बोर्ड और जिला प्रशासन निर्णय ले लेगा।
-अलीहसन कर्नी, अपर नगर आयुक्त नगर निगम