तकरीर पढ़कर मौलाना ने खड़ा किया था मतातरण का नेटवर्क
इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दकी द्वारा तकरीर पढ़कर लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता था। मामले का पर्दाफाश होने के बाद मौलाना से जुड़े अन्य लोग भी एटीएस के डर से घरों पर ताला डालकर फरार हो गए हैं।
मेरठ, जेएनएन। इस्लामिक विद्वान मौलाना कलीम सिद्दकी द्वारा तकरीर पढ़कर लोगों को अपने जाल में फंसाया जाता था। मामले का पर्दाफाश होने के बाद मौलाना से जुड़े अन्य लोग भी एटीएस के डर से घरों पर ताला डालकर फरार हो गए हैं। अभी भी एटीएस की टीम मुजफ्फरनगर और मेरठ में डेरा डाले है। रतनपुरी थाना पुलिस को साथ लेकर एटीएस मौलाना के बारे में और भी जानकारी जुटा रही है। उसके अलावा जाच में सामने आया कि वेस्ट यूपी में लव-जिहाद को भी मौलाना द्वारा बढ़ावा दिया जा रहा था। नाम बदलकर लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने वालों को मदरसे में शरण दी जाती थी।
मुजफ्फरनगर के फुलत गाव निवासी मौलाना कलीम सिद्दीकी मतातरण के लिए देशव्यापी सिंडिकेट चलाकर हवाला के जरिये फंडिंग करते थे। एटीएस ने दावा किया कि शरीयत के अनुसार व्यवस्था लागू कर जनसंख्या अनुपात बदलने के लिए वृहद स्तर पर मतातरण कराते थे। मौलाना कलीम सिद्दकी के बारे में रोजाना अलग अलग जानकारी एटीएस टीम को मिल रही है। मुजफ्फरनगर और मेरठ पुलिस की इंटेलीजेंस इकाई को साथ लेकर एटीएस मौलाना कलीम का पूरा नेटवर्क खंगाल रही है। एटीएस की जाच में सामने आया है कि मौलाना ने शहर ही नहीं, गाव तक तकरीर के जरिए अपना नेटवर्क खड़ा कर रखा था। लव-जिहाद के लिए भी उनके द्वारा मुस्लिम युवकों को प्रेरित किया जाता था। ऐसे में युवकों को फुलत के मदरसे में भी शरण दी जाती थी। एटीएस ने मौलाना कलीम सिद्दकी से जुड़े लोगों की पड़ताल शुरू कर दी है। ऐसे में काफी लोग मकानों पर ताला डालकर भाग गए हैं। स्थानीय पुलिस को उनके घरों की निगरानी करने के आदेश दिए जा चुके हैं। इनमें कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनका मतातरण कराया गया है।
लव जिहाद की घटना को भी देख रही एटीएस
पिछले तीन सालों में वेस्ट यूपी के मेरठ समेत आसपास के सभी जनपदों में लव जिहाद की घटनाएं हुई हैं। देखा जा रहा है कि मौलाना कलीम सिद्दकी का उन सभी घटनाओं से क्या जुड़ाव था। किन-किन घटनाओं में मौलाना ने प्रेमी-युगल को मदरसे में शरण दी थी। एटीएस ने सभी घटनाओं का सिविल पुलिस से ब्योरा भी जुटा लिया है। इसमें एटीएस की मदद सिविल पुलिस को भी करने के आदेश एडीजी कानून व्यवस्था प्रशात कुमार ने दिए हैं क्योंकि माना जा रहा है कि मौलाना कलीम सिद्दीकी लव-जिहाद के जरिये भी मतांतरण कराने में लगे हुए थे। उसके लिए भी फंडिंग की जा रही थी। हिंदू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाने वालों को फंडिंग की जाती थी।
कुछ वीडियो क्लिप अब प्?ले नहीं
यू-ट्यूब पर मतातरण को प्रोत्साहित करतीं तकरीरों से संबंधित कुछ वीडियो क्लिप अब प्ले नहीं हो रहीं। माना जा रहा है कि इन्हें बंद कर दिया गया है। कुछ अफसरों का कहना है कि सभी आपत्तिजनक वीडियो बंद करवाने की प्रक्रिया चल रही है। अब, ऐसे वीडियो संचालित करने पर दिस वीडियो इज प्राइवेट लिखा आ रहा है। माना जा रहा है कि इन वीडियो के संचालन से माहौल बिगड़ सकता था।
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मौलाना कलीम सिद्दीकी से एटीएस को काफी जानकारिया मिली हैं। उसके आधार पर मौलाना का पूरा नेटवर्क खंगाला जा रहा है ताकि कलीम सिद्दीकी से जुड़े अन्य लोगों पर भी कार्रवाई की जा सके। इसमें सिविल पुलिस और इंटेलीजेंस का भी सहयोग लिया जा रहा है। एटीएस की टीम अपना काम तेजी से कर रही है।
- प्रशात कुमार, एडीजी कानून व्यवस्था