शहीद की बहन का सरकारी नौकरी लेने से इन्कार
शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी की बहन प्रियंका चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सरकारी नौकरी लेने से इन्कार कर दिया है। नियम के अनुसार प्रदेश सरकार ने शहीद के स्वजन के सामने समूह (ग) और (घ) वर्ग की नौकरी देने का प्रस्ताव रखा था।
मेरठ, जेएनएन। शहीद लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी की बहन प्रियंका चौधरी ने प्रदेश सरकार द्वारा दी जाने वाली सरकारी नौकरी लेने से इन्कार कर दिया है। नियम के अनुसार प्रदेश सरकार ने शहीद के स्वजन के सामने समूह (ग) और (घ) वर्ग की नौकरी देने का प्रस्ताव रखा था।
कंकरखेड़ा में सिल्वर सिटी कालोनी निवासी लेफ्टिनेंट आकाश चौधरी सेना में असम के कोकराझार में तैनात थे। 17 जुलाई 2020 को पहाड़ी क्षेत्र में ड्यूटी के दौरान पैर फिसलने के कारण वह गहरी खाई में गिर गए थे। साथी सैनिक अस्पताल ले गए, जहां वह वीरगति को प्राप्त हुए थे। 18 जुलाई को पार्थिव शरीर घर लाया गया था। शहीद के पिता केपी सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा शहीद के स्वजन को मिलने वाली 50 लाख रुपये की धनराशि उन्हें प्राप्त हो गई थी। शहीद के नाम पर एक सड़क का नाम, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और स्वजन को सरकार की तरफ से सम्मानित किया जाना था। उन्होंने बताया कि शहीद की बहन प्रियंका कानून की पढ़ाई कर रही है। उससे सरकार द्वारा समूह (ग) और (घ) वर्ग की नौकरी करने को कहा, मगर उसने अपने करियर को देखते हुए सरकारी नौकरी लेने से इन्कार कर दिया।
अभी तक नहीं हुआ सड़क का नामकरण
शहीद के पिता केपी सिंह ने बताया कि सांसद, विधायक और अन्य जनप्रतिनिधियों ने शहीद के नाम से कैंट क्षेत्र में एक सड़क का नाम रखने की बात कही थी, मगर अभी तक कुछ नहीं हुआ। जनप्रतिनिधियों ने आश्वासन दिया था कि सरकार शहीद के स्वजन का सम्मान करेगी लेकिन यह भी नहीं हो सका है।