MDA Meerut: राहत की बात, नक्शा पास वाले आवासों का अवैध निर्माण होगा वैध Meerut News

आवासीय क्षेत्र को बड़ी राहत देने के लिए प्रदेश सरकार सरल शमनी नीति 2020 लेकर आई है। इससे पहले 1998 में शमन योजना आई थी तब बड़ी संख्या में लोगों को फायदा हुआ था।

By Prem BhattEdited By: Publish:Thu, 16 Jul 2020 07:30 AM (IST) Updated:Thu, 16 Jul 2020 07:30 AM (IST)
MDA Meerut: राहत की बात, नक्शा पास वाले आवासों का अवैध निर्माण होगा वैध Meerut News
MDA Meerut: राहत की बात, नक्शा पास वाले आवासों का अवैध निर्माण होगा वैध Meerut News

मेरठ, जेएनएन। अगर आपने अपने आवास का मानचित्र स्वीकृत करा रखा है, लेकिन उस मानचित्र से अतिरिक्त निर्माण भी कर रखा है, जिसे कानून अवैध कहा जा सकता है, अब उस अवैध हिस्से को वैध यानी शमन कराया जा सकेगा। आवासीय क्षेत्र को बड़ी राहत देने के लिए प्रदेश सरकार सरल शमनी नीति 2020 लेकर आई है। इससे पहले 1998 में शमन योजना आई थी तब बड़ी संख्या में लोगों को फायदा हुआ था। वर्तमान समय में शमन के नियम बहुत कठिन हैं। मानचित्र के विपरीत निर्माण करने वालों को प्राधिकरण के उत्पीडऩ का शिकार होना पड़ता था। यदि कोई अपने अवैध निर्माण का शमन कराने की कोशिश भी करता था तो दंडात्मक कार्रवाई इतनी महंगी पड़ती थी कि सामान्य व्यक्ति नहीं करा पाता था।

सरल शमन नीति बनाई

इन सब परेशानियों को देखते हुए ही शासन ने सरल शमन नीति बनाई। वर्तमान में शमन उपविधि 2010 के तहत 10 फीसद तक के अतिरिक्त निर्माण ही शमन कराया जा सकता था, लेकिन अब 10 से लेकर 50 फीसद शमन कराया जा सकेगा। यानी एफएआर का 50 फीसद और बाकी निर्माण पर 25 फीसद तक वैध कराया जा सकेगा। यानी जिसने थोड़ा बहुत नियमों को तोड़कर अवैध निर्माण कर लिया है उसे राहत मिल जाएगी। इसमें एक और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शुल्क की दरें बेहद कम रखी गई हैं। अभी यह व्यवस्था उनके लिए नहीं है जिन्होंने मानचित्र ही नहीं पास कराया था यानी पूरी तरह से अवैध हैं। यह व्यवस्था व्यावसायिक क्षेत्र के लिए भ्ज्ञी नहीं हैं। आइए समझते हैं किस तरह के निर्माण पर कितना शुल्क लगेगा।

सरल शमन नीति व शमन उपविधि में अंतर

- शमन उपविधि 2010 के तहत अभी तक शमन किया जाता है। इसमें फ्रंट सेट बैक में शमन शुल्क भूमि के मूल्य का 100 फीसद लिया जाता था। लेकिन सरल शमन नीति में सिर्फ 50 फीसद लिया जाएगा।

- शमन उपविधि में साइड सेट बैक में अवैध निर्माण पर शमन शुल्क भूमि के मूल्य का 75 फीसद लिया जाता था, लेकिन अब 50 फीसद लिया जाएगा।

- शमन उपविधि में पीछे के सेट बैक में अवैध निर्माण पर शमन शुल्क भूमि के मूल्य का 50 फीसद लिया जाता था, सरल शमन नीति में भी 50 फीसद ही लिया जाएगा।

सिर्फ पांच माह तक ही मिलेगा योजना का लाभ

सरल शमन नीति 2020 सिर्फ पांच माह के लिए लागू होगी। जिसे लाभ लेना होगा उसे इसे समय आवेदन करना होगा। इसका लाभ कब से कब तक मिलेगा इसकी तिथि अभी शासन ने जारी नहीं की है।

इनका कहना है

सरल शमन नीति 2020 प्रक्रिया में थी। सूत्रों से जानकारी मिल रही है कैबिनेट से इसे मंजूरी मिल गई है। जब तक प्राधिकरण को शासन से इस संबंध में कोई पत्र या उसकी नियमावली प्राप्त नहीं होती तब तक कुछ कहा नहीं जा सकता।

- राजेश पांडेय, वीसी एमडीए

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