परंपरागत तरीके से श्रद्धा पूर्वक मनाया गया मकर संक्रांति पर्व
नगर व आसपास देहात क्षेत्रों में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व परंपरागत तरीके से श्रद्धा पूर्वक मनाया गया।
मेरठ, जेएनएन। नगर व आसपास देहात क्षेत्रों में गुरुवार को मकर संक्रांति का पर्व परंपरागत तरीके से श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। जगह-जगह शिविर लगाकर खिचड़ी, मूंगफली व रेवड़ी का वितरण किया गया। मकर संक्रांति का पर्व प्रतिवर्ष सर्द ऋतु में लोहड़ी से ठीक अगले दिन मनाया जाता है। इस पर्व पर खिचड़ी का विशेष महत्व है। गुरुवार को मकर संक्रांति पर जगह-जगह खिचड़ी का वितरण किया गया। जिसमें कुछ जगह खिचड़ी के साथ मूंगफली का भी वितरण किया गया। अखिल भारतीय उपभोक्ता परिषद की ओर से भी अध्यक्ष नूर मोहम्मद के नेतृत्व में खिचड़ी का वितरण किया गया। परिषद के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
सुभाष चौक पर आदेश कुमार जैन की ओर से खिचड़ी, मूंगफली व रेवड़ी का वितरण कराया गया। जिसमें व्यापारियों ने राहगीरों को रोक कर खिचड़ी का प्रसाद दिया। इसमें शुभम जैन आदि का सहयोग रहा।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मनाई मकर संक्रांति
मोहल्ला तिहाई में सत्संग भवन के पास राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मकर संक्रांति पर्व मनाया, जिसमें खिचड़ी वितरण किया गया। नगर संघचालक अंशु कुमार ने कहा कि यह पर्व सामाजिक समासता का भाव पैदा करता है। जिला व्यवस्था प्रमुख आदित्य, नगर व्यवस्था प्रमुख विवेक, बूथ अध्यक्ष सुबोध, नगर बौद्धिक प्रमुख सपल, बूथ अध्यक्ष अजय, अपूर्व, बस्ती प्रमुख ज्योजि, डा.राकेश सैन, विनोद गुप्ता, कुलदीप आदि थे।
घने कोहरे के साथ हुआ मकर संक्रांति का आगाज
कड़ाके की ठंड के मध्य गुरुवार को मकर सक्रांति के दिन सुबह घना कोहरा छाया रहा। कोहरा होने के कारण हाईवे पर वाहनों की गति भी धीमी रही। करीब 11 बजे सूर्य देव ने दर्शन दिए। तो कुछ देर बाद धूप खिलने से लोगों को सर्दी से निजात मिली।
बुधवार देर रात से ही कोहरे की आमद होने लगी थी। गुरुवार सुबह अधिक कोहरा अधिक रहा। हाड़कंपकंपाने वाली ठंड के बीच कोहरे के कारण जनजीवन प्रभावित रहा। सुबह मजबूरी वश ही लोग बाहर निकल पाए। समूचा नगर कोहरे की आगोश में रहा। इस दौरान कोहरा अधिक होने के कारण हाईवे पर वाहन रेंगते नजर आए।
दोपहर तक बाजार भी रहे ठंडे
कोहरे के कारण दोपहर तक ग्राहकों की आमद कम होने से बाजार भी बेरौनक रहे, लेकिन मौसम कुछ साफ होने पर देहात से ग्राहकों के बाजारों में आने पर चहल-पहल नजर आई और सन्नाटा छटा। शाम होते ही फिर से बाजारों में आवाजाही कम हो गई।