मुजफ्फरनगर में मदन गर्ग के चार हत्यारों को गैंगस्टर एक्ट में सात साल की सजा, बारह साल पहले किया था अपहरण
फिरौती के लिए कारोबारी की हत्या के मामले में उम्रकैद सजायाफ्ता चार बदमाशों को कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में भी सात-सात साल की सजा सुनाई है। फरवरी 2009 में अपहरण के बाद की थी कारोबारी की हत्या। हत्या में भी उम्रकैद काट रहे चारों गैंगस्टर में दो आरोपित बरी।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। फिरौती के लिए कारोबारी की हत्या के मामले में उम्रकैद सजायाफ्ता चार बदमाशों को कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट में भी सात-सात साल की सजा सुनाई है। नई मंडी क्षेत्र में रहने वाले मदन गर्ग की 12 साल पहले अपहरण कर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने सात हत्यारोपितों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। गैंगस्टर कोर्ट ने इनमें से चार को सजा सुनाते हुए दो आरोपितों को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया, जबकि एक हत्यारोपित की फाइल पहले ही अलग कर दी गई थी। कोर्ट ने दोषियों पर 20-20 हजार का अर्थदंड लगाया है।
अभियोजन अधिकारी संदीप सिंह ने बताया कि छह फरवरी 2009 को थाना नई मंडी में वादी व शहर के कारोबारी रघुराज गर्ग पुत्र रामेश्वर दयाल ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उनका छोटा भाई मदन कुमार गर्ग चार फरवरी 2009 को दोपहर करीब 1.30 बजे अपनी पत्नी से यह कहकर गया था कि उसे देहरादून रहने वाली काजल नाम की लड़की तथा सत्तार नाम के व्यक्ति से मिलना है, जो अपने आप को किसी विधायक का भाई बताता है। बताया था कि उसे रुड़की बुलाया गया था।
मदन गर्ग के न लौटने पर पुलिस ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू कर दी थी। कई दिन बाद गंग नहर रुड़की जिला हरिद्वार से मदन गर्ग का शव पुलिस ने बरामद किया था। इस मामले में पुलिस ने विवेचना उपरांत प्रकाश में आए सात आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, जिन पर गैंगस्टर एक्ट के तहत भी कार्रवाई की गई थी। सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। हत्या के मामले सुनवाई कर 2013 में कोर्ट ने आरोपित चोटी शर्मा उर्फ नीरज पुत्र पूर्णचंद्र निवासी मटिया महल थाना कोतवाली नगर-सहारनपुर, मंजीत पुत्र चरण सिंह निवासी 111 सैनिक कॉलोनी रुड़की-हरिद्वार, उत्तराखंड, काजल पत्नी अखिल दत्ता निवासी गली नंबर दो मोहल्ला राजेंद्र नगर कोलागढ़ रोड देहरादून तथा सुलेमान पुत्र अनवर गाढ़ा निवासी पनियाला, गंगनहर रुड़की-हरिद्वार को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
बुधवार को विशेष गैंगस्टर कोर्ट के जज राधेश्याम यादव ने मुकदमे की सुनवाई करते हुए चारों हत्यारों को गैंगस्टर एक्ट में भी दोषी पाते हुए सात-सात वर्ष की सजा सुनाई, जबकि गैंगस्टर में आरोपित विजय शर्मा पुत्र पूर्णचंद्र शर्मा निवासी मटिया महल-सहारनपुर और अखिल दत्ता पुत्र अमृतलाल दत्ता निवासी गली नंबर दो राजेंद्र नगर कौलागढ़ रोड देहरादून को कोर्ट ने गैंग से जुड़ा न पाते हुए दोषमुक्त कर दिया। विजय शर्मा की ओर से एडवोकेट अगरीश राना ने पैरवी की।