रोंगटे खड़ेे कर देगी इस महिला की कहानी, बच्ची की किलकारी सुनकर लौट आई खोई याददाश्त Bijnore News
पैदाइश के बाद बेटी से भावनात्मक लगाव बढ़ा तो अर्द्धविक्षिप्त मां की खोई याददाश्त वापस लौट आई। यह उस मां के लिए सुखद अहसास था झारखंड की इस महिला को अब बिजनौर प्रशासन उसके घर भेजने की तैयारी में है। भाई से भी उसकी बात कराई।
बिजनौर, जेएनएन। एक अद्र्धविक्षिप्त महिला की कहानी रोंगटे खड़े करने वाली है। लॉकडाउन के दौरान सड़क पर वह बदहवास हालत में मिली। प्रशासन ने उसे आश्रम में संरक्षण दिला दिया। उस समय वह गर्भवती थी, लेकिन उसे अपना पता-ठिकाना कुछ याद नहीं था। तय समय पर महिला ने स्वस्थ बेटी को जन्म दिया। मासूम की किलकारी सुनकर ममता का ऐसा भाव जागा कि महिला की खोई याद्दाश्त भी लौट आई। उसने खुद को झारखंड की निवासी बताया। प्रशासन अब महिला को उसके घर पहुंचाने की तैयारी कर रहा है।
आश्रम में ही दिया बेटी को जन्म
लॉकडाउन के दौरान 13 मई को इंदिरा बाल भवन के बाहर लगभग 25-26 वर्षीय एक अद्र्धविक्षिप्त महिला घूमती मिली। डीएम रमाकांत पांडेय के निर्देश पर उसे नजीबाबाद के करुणा धाम आश्रम में संरक्षण दिलाया गया। मेडिकल जांच कराई गई तो पता चला कि वह गर्भवती है। आश्रम की सिस्टर अन्ना, सिस्टर रो मेरी, सिस्टर क्रिस्टीना, सिस्टर पुष्पा के सेवाभाव से हालत में सुधार हुआ। 21 अगस्त को उसने एक बेटी को जन्म दिया।
बेटी का जन्म होने के साथ ही मां के हाव-भाव में बदलाव आने लगा। बेटी के प्रति भावनात्मक लगाव बढ़ा तो उसकी याद्दाश्त वापस लौटने लगी। जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय कुमार के अनुसार, महिला ने अपना नाम लट्टू माई हेमरोन, पिता का नाम सांकल हेमरोन और भाई का नाम जटा हेमरोन निवासी टोला केला बेरी जनपद साहबगंज झारखंड बताया।
इस दौरान महिला की काउंसलिंग कराई गई। भाई जटा हेमरोन से वीडियो कांफ्रेंसिंग से बात कराई, तो भाई ने उसे पहचान लिया। प्रशासन ने उसे बिजनौर बुलाया तो उसने आर्थिक तंगी का हवाला देते हुए आने में असमर्थता जताई। अब प्रशासन ने झारखंड के साहबगंज कलक्टर एवं जिला समाज कल्याण अधिकारी को चिट्ठी भेजकर पूरे प्रकरण की जानकारी दी है। एक टीम लट्टूमाई को उसके घर तक पहुंचाने के लिए तैयार की गई है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि इस मामले की विस्तृत जांच साहबगंज के जिला समाज कल्याण अधिकारी करेंगे।