वक्फ की सौ करोड़ की संपत्ति की लूट

गुपचुप बेच डाली वक्फ की कीमती जमीन। शासन ने दिखाई सख्ती, प्रशासन से रिकार्ड तलब।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 01 Jul 2018 04:00 PM (IST) Updated:Sun, 01 Jul 2018 04:00 PM (IST)
वक्फ की सौ करोड़ की संपत्ति की लूट
वक्फ की सौ करोड़ की संपत्ति की लूट

मेरठ (नवनीत शर्मा)। वक्फ बोर्ड की लापरवाही और तत्कालीन शासन की खामोशी के चलते जिले में वक्फ की करीब सौ करोड़ रुपये की संपत्ति लूट ली गई। बड़ी संपत्तियों का फर्जी कागजात के आधार पर बैनामा कर दिया गया। कई कीमती संपत्ति को वक्फ के मुतवल्लियों ने ही खुर्द-बुर्द कर डाला।

जिले में करीब पाच सौ करोड़ की 250 वक्फ संपत्तियां अल्पसंख्यक विभाग के रिकार्ड में दर्ज हैं। अधिकांश बड़े वक्फ शहरी क्षेत्र में हैं। पिछले 15-20 सालों में वक्फ संपत्ति की ऐसी लूट मची कि सौ करोड़ की संपत्ति गायब हो गई। वक्फ संपत्ति इस तरह गायब होने पर वर्तमान शासन ने गंभीर रुख अपनाया है। प्रशासन से जाच कराने के साथ रिकार्ड भी तलब किया है। पूर्व में हुई जाच के दौरान स्पष्ट हुआ कि अधिकाश मामलों में मुतवल्लियों ने ही संपत्ति बेची। इस दौरान शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड केअधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।

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जाच रडार पर आए बड़े वक्फ

वक्फ संख्या 7, कब्रिस्तान खिरनी वाला :- संपत्ति सुन्नी वक्फ की है। पुराना कमेला रोड पर स्थित है। वर्तमान में संपत्ति को लेकर विवाद चल रहे हैं। बड़ा भाग खुर्द-बुर्द किया जा चुका है।

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वक्फ संख्या 2361, वक्फ असगर हुसैन :- शिया वक्फ की संपत्ति सदर तहसील केगाव नंगलाताशी में है। सेंट्रल शिया बोर्ड, वक्फ बोर्ड और मुतवल्लियों पर संपत्ति का बड़ा और कीमती हिस्सा बिक्री करने का आरोप है।

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वक्फ संख्या 265, नादिर अली शाह वक्फ :- सुन्नी वक्फ की सबसे बड़ी संपत्तियों में से एक। वक्फ की कई बड़ी संपत्ति को गुपचुप बेच दिया गया। सीबीआई जाच की सिफारिश भी की जा चुकी है।

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वक्फ संख्या 2554, वाकिफ और मुसम्मात अमीर फातिमा वक्फ :- शिया वक्फ की बड़ी संपत्ति के23 खसरे हैं। कंकरखेड़ा, कासमपुर व अब्दुल्लापुर में संपत्ति है। संपत्ति के बड़े भाग पर कब्जा हो चुका है।

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वक्फ संख्या 3489, खेडे़ वाला पीर - संपत्ति सुन्नी वक्फ केअधीन है। गाव घोसीपुर स्थित संपत्ति पर बिना किसी ठोस आधार के आवास विकास परिषद और विद्युत विभाग ने अपने स्वामित्व का दावा किया है।

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वक्फ संख्या 68ए :- रेलवे रोड स्थित पूर्वा महावीर में अलल औलाद वक्फ की संपत्ति है। संपत्ति को नगर निगम की मिलीभगत से पहले निजी संपत्ति के रूप में निगम रिकार्ड में दर्ज कराया, बाद में बैनामा करा दिया गया।

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इन्होंने कहा ..

जिले में बड़े स्तर पर वक्फ संपत्ति को खुर्द-बुर्द किया गया है। अधिकाश मामलों में वक्फ के जिम्मेदारों ने ही संपत्ति बेची है। कई वक्फ संपत्तियों की जाच चल रही है।

-मोहम्मद तारिक, सहायक सर्वे आयुक्त वक्फ

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