Lockdown 4.0: रेलवे में यात्रा की देरी पर कर सकते हैं मुआवजे की मांग, यहां करनी होगी शिकायत

ट्रेनों की देरी व क्षति पहुंचने पर यात्री रेलवे ट्रिब्यूनल व उपभोक्ता फोरम में शिकायत करना होगा। जिसके तहत आपकों आपके किराए का पूरा मुआवजा दिया जाएगा।

By Prem BhattEdited By: Publish:Wed, 27 May 2020 12:27 PM (IST) Updated:Wed, 27 May 2020 12:27 PM (IST)
Lockdown 4.0: रेलवे में यात्रा की देरी पर कर सकते हैं मुआवजे की मांग, यहां करनी होगी शिकायत
Lockdown 4.0: रेलवे में यात्रा की देरी पर कर सकते हैं मुआवजे की मांग, यहां करनी होगी शिकायत

मेरठ, जेएनएन। कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर देश में पिछले दो महीने से लागू लॉकडाउन में सबसे खराब हालात प्रवासी कामगारों के हैं। घर वापसी में भी कामगार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सवार होने पर प्रवासी कामगारों को न सिर्फ खाने-पीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा बल्कि रेलवे द्वारा ट्रेन का रूट बदलने से कई दिनों की देरी से वे अपने गंतव्य तक पहुंच रही हैं। ऐसी दशा में टिकट के साथ यात्रा करने वालों को किसी प्रकार की क्षति या देरी से पहुंचाने पर रेलवे से मुआवजा देने का प्रावधान है।

ट्रेन की देरी होने पर देगी किराये का मुआवजा

वरिष्ठ अधिवक्ता योगेश कुमार पालीवाल ने बताया कि रेलवे को पूरा किराया देने के बाद निर्धारित समय से यात्री को गंतव्य तक पहुंचाना रेलवे विभाग की जिम्मेदारी है। उन्होंने कि ट्रेन के विलंब से किसी बीमार की मृत्यु हो सकती है, किसी का कोई आवश्यक काम छूट सकता है। रेलवे की गलती से यात्री का बड़ा नुकसान हो सकता है। रेलवे इस नुकसान की भरपाई करने की जिम्मेदारी रेलवे की है। अगर रेलवे अथॉरिटी ने देरी वजह नही बताई तो यह सेवा में कमी के अंतर्गत आता है। इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में की जा सकती है। ऐसे मामले में यात्री को 90 दिनों में न्याय दिलाया जाता है। वहीं, अधिवक्ता विजय शर्मा ने बताया कि रेलवे की गलती से यात्री को कोई क्षति पहुंचती है तो ऐसे मामले में क्षतिपूर्ति के लिए रेलवे ट्रिब्यूनल में दावा किया जा सकता है। जिसके द्वारा सुनवाई में रेलवे की खामी मिलने पर यात्री को क्षतिपूर्ति दिए जाने की व्यवस्था है।

इस धारा के तहत करनी होगी शिकायत

इसके अलावा बताया कि यदि यात्री ने सुपरफास्ट ट्रेन का टिकट लिया और ट्रेन काफी देर से पहुंचाती है तो वह उपभोक्ता फोरम में मामले की शिकायत कर सकता है। ऐसे मामले कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 1986 के सेक्शन 2(1) (जी) के अंतर्गत आते हैं। सुपरफास्ट ट्रेन से यात्री करने वाले यात्रियों से रेलवे अधिक की रुपये लेता है।  

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