Saharanpur Cyber ​​Crime: लोकल ठग तो पकड़े पर दूसरे राज्यों के ठगों के आगे बेबस पुलिस

सहारनपुर में मंडल का एक ही साइबर थाना। एक लाख से अधिक ठगी के होते हैं मुकदमे। हालांकि जिला पुलिस लोकल के ठगों को तो पकड़ रही है और जेल भेज रही है लेकिन दूसरे राज्यों के ठगों के आगे पुलिस बेबस हैं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Sun, 29 Aug 2021 05:03 PM (IST) Updated:Sun, 29 Aug 2021 05:03 PM (IST)
Saharanpur Cyber ​​Crime: लोकल ठग तो पकड़े पर दूसरे राज्यों के ठगों के आगे बेबस पुलिस
सहारनपुर में एक लाख से अधिक ठगी के होते हैं मुकदमे।

सहारनपुर, जेएनएन। आनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इन पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। हालांकि जिला पुलिस लोकल के ठगों को तो पकड़ रही है और जेल भेज रही है, लेकिन दूसरे राज्यों के ठगों के आगे पुलिस बेबस हैं। जिले में साइबर थाना जरूर है और यहां पर कई एक्सपर्ट भी तैनात है। इन एक्सपर्ट के कारण ही हाल ही में 15 लाेगों की रकम वापस आ गई थी।

सहारनपुर में पिछले साल अगस्त माह में साइबर थाने का निर्माण हुआ था। इसे मंडल का थाना कहा जाता है। यहां पर मुजफ्फरनगर और शामली में होने वाले साइबर अपराध के भी मुकदमे दर्ज किए जाते हैं। यहां पर एक लाख से अधिक की यदि ठगी होती है तो ही मुकदमा दर्ज किया जाता है। इससे कम राशि वालों के मामले पहले साइबर सेल देखती है और इसके बाद थानों में दर्ज कर लिए जाते हैं। साइबर सेल थाने में जनवरी से लेकर अब तक सैकड़ों मुकदमे दर्ज हुए है। जिनमें से लगभग 43 लोगों की रकम भी वापस आई है, लेकिन ठग एक भी नहीं पकड़ा गया। हालांकि साइबर थाना पुलिस ने ऐसे लोगों को जरूर पकड़ा है, जिन्होंने एटीएम बदलकर ठगी की है। यह लोकल के ही ठग निकले हैं। आनलाइन ठगी करने वाले अधिकतर झारखंड, हरियाणा के मेवात, राजस्थान आदि जिलों के होते हैं, जो पकड़ में नहीं आते हैं।

यह है संशाधन जिले के साइबर थाने में एक इंस्पेक्टर प्रवीण कुमार के अलावा तीन सब इंस्पेक्टर और सात सिपाही तैनात है। यह सभी लोग साइबर एक्सपर्ट के अलावा अपराधियों को भी पकड़ने का काम करते हैं। फिलहाल टीम के पास सर्विलांस के अलावा कोई अन्य उपकरण नहीं है। इसी के माध्यम से साइबर ठगों को पकड़ा जाता है। अधिकतर पुलिसकर्मियों ने डायल-100 बिल्डिंग लखनऊ में मौजूद लैब में ट्रेनिंग ली हुई है। मुकदमा दर्ज कंप्यूटर पर होता है। बशर्ते पीड़ित को सुबूत भी देने होते हैं। यह टीम जिले के 22 फीसद मामले ही सुलझा पाई है।तीन माह में इनके हुए पैसे वापसतेजपाल रणखंड़ी देवबंद, रामप्रसाद हसनपुर, जीशान बैंककर्मी, अशोक कुमार मंडी, गय्यूर मलिक नथमलपुर, शिवा कुमार नवीननगर, पंखुरी जैन खालापार, अरनीम जैन खालापार, तन्नू कुमारी स्टेट बैंक कालोनी, भारती नागल, अरुण सैनी पेपर मिल रोड, पीयूष टीचर कालोनी, ओमप्रकाश गुप्ता उप आबकारी निरीक्षक, वेदपाल सिंह सिटी ग्राउंड, निशा मित्तल पंत विहार कालोनी की रकम वापस कराई गई है। उक्त सभी की रकम एक लाख से अधिक थी।

ठगी से बचने के लिए यह करें

- किसी को भी अपना एटीएम कार्ड नंबर न बताए।

- बैंक अधिकारी बनकर कोई फोन करे तो बात न करें।

- मोबाइल पर आने वाले अंजान लिंक पर क्लिक न करें।

- फेसबुक आई अंजान महिला की फ्रेंड रिक्वेस्ट न स्वीकारें।

- बैंक खाते की गोपनीय जानकारी किसी को भी न दें।

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