..छोड़कर बेटा गया मां-बाप को, है जिदगी दुश्वार बोलों क्या करोगे
लखनऊ की सुप्रसिद्ध कवयित्री निशा नवल के जन्मदिन के अवसर पर कवि एवं गीतकार कुमार
मेरठ, जेएनएन। लखनऊ की सुप्रसिद्ध कवयित्री निशा नवल के जन्मदिन के अवसर पर कवि एवं गीतकार कुमार मुनीश अक्स के पटल काव्य ब्रह्मास्त्र पर रविवार रात एक आनलाइन कवयित्री सम्मेलन का आयोजन किया गया, कवयित्रियों ने अपनी बेहतरीन रचनाएं सुनाकर दाद बटोरी।
नमिता नमन दिल्ली ने कहा कि -
जिदगी के लिए ये सजा तो नहीं, इश्क मैंने किया जो खता तो नहीं।
गोरखपुर की मनीषा शुक्ला ने सुनाया कि
हमीं राहें बनाते हैं, हमीं दुश्वार करते हैं, सजा भी जानते हैं पर खता हर बार करते हैं
कानपुर की शीतल बाजपेयी ने कहा कि
गीत के गांव में प्रीत की छाव में, आप फिर से मुझे याद आने लगे।
अनछुई मखमली खिल गयी हर कली,देख भंवरे सभी गुनगुनाने लगे।
दिल्ली की खुशबू शर्मा ने रचना सुनाई कि
मैं कोई फूल नहीं हूं जो बिखर जाऊंगी, मैं वह खुशबू हूं जो सांसो में उतर जाऊंगी।।
लखनऊ की निशा नवल ने सुनाया कि
हम फंसे मझधार बोलो क्या करोगे, झील झरने खार बोलो क्या करोगे
छोड़कर बेटा गया मां-बाप को है,जिदगी दुश्वार बोलो क्या करोगे।
कार्यक्रम लगभग दो घंटे चला। इस दौरान गौरव विवेक, नीरू श्रीवास्तव, पारुल अग्रवाल मित्तल, स्वाति पाठक, उपमा द्विवेदी, ममता खरे, रुचि सिंह, गिरीश उपाध्याय, दीपक शुक्ला,जीशान कुरैशी,डा. फैसल, कुमार मोनू राघव, हंसमुख ठक्कर, राम गोपाल चौबे, पारसनाथ श्रीवास्तव, राजेन्द्र बैकुंठ, डीएस तोमर, राजीव अग्रवाल, जीतू देशवाल, वी.पी. रघुवंशी, भूपेंद्र राघव आदि श्रोताओं ने कवयित्रियों के काव्यपाठ को सराहा।
तहसील में भाकियू किसान यूनियन तोमर की पंचायत आज: भारतीय किसान यूनियन तोमर के तत्वावधान में मंगलवार को तहसील में तीनों कृषि कानून वापस लेने समेत कई मांगों को मवाना तहसील में किसानों की पंचायत का आयोजन जाएगा।
उक्त जानकारी देते हुए संगठन के तहसील अध्यक्ष अनिल तोमर ने दी। उन्होंने बताया कि तीनों कृषि कानून वापस लेने, आगामी सीजन में गन्ना मूल्य 450 रुपये कुंतल घोषित किये जाने आदि मांगों को लेकर मंगलवार को 11 बजे तहसील में किसानों की पंचायत कर धरना-प्रदर्शन किया जाएगा।