कनाड़ा की कृषि कंपनी छोड़कर 25 तरह के सिरकों ने दिलाई मेरठ के नरेश को नयी पहचान

मेरठ झिटकरी निवासी किसान नरेश ने सिरकों में किया शोध। मुख्य फलों से सिरके तैयार कर कमाते हैं 7 लाख सालाना। उन्होंने गन्ने के रस से शुरूआत कर एक के बाद एक 21 प्रकार के सिरके तैयार किए।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Tue, 24 Nov 2020 04:00 PM (IST) Updated:Wed, 25 Nov 2020 12:18 AM (IST)
कनाड़ा की कृषि कंपनी छोड़कर 25 तरह के सिरकों ने दिलाई मेरठ के नरेश को नयी पहचान
25 तरह के सिरकों ने दिलाई मेरठ के नरेश को नयी पहचान।

मेरठ, [विनय विश्वकर्मा]। कृषि से स्नातक होने के बाद मेरठ के झिटकरी निवासी नरेश सिरोही को जब कुछ खास नौकरी नहीं मिली तो उन्होंने घर पर ही कृषि संबंधी कार्य करने की ठान ली। उन्होंने गन्ने के रस से शुरूआत कर एक के बाद एक 21 प्रकार के सिरके तैयार किए। नरेश के तैयार किए गए सिरके को एक विश्वविद्यालय ने अपने दो छात्रों को शोध के लिए लगाया है। चार प्रकार के सिरकों का काम भी अंतिम चरण में है। कनाड़ा की फर्म में नौकरी छोड़ने के बाद नरेश केवल चार वर्षों में सिरके को बेचकर 7 लाख रुपये की सालाना आमदनी कमा रहे हैं। उनके पास हर समय 200 कुंतल सिरका तैयार रहता है। वह गन्ना, जामुन, सेब, अमरूद आदि 25 तरह के सिरके तैयार कर रहे हैं। इसमें से अधिकतर सिरके चिकित्सीय पहलू से स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी बताए जाते हैं। उन्होंने सिरके से एक नयी पहचान बनाई।

2012 में ऐसे हुई शुरूआत

सरधना ब्लॉक के झिटकरी गांव निवासी नरेश सिरोही ने बड़ौत के एक कॉलेज से कृषि में स्नातक की डिग्री हासिल की। नरेश के पिता कृषि विभाग में काम करते थे। इसलिए कृषि की तरफ उनका रूझान बचपन से ही रहा। काम की तलाश में वह कनाड़ा की कृषि कंपनी से लेकर शुगर मिल तक निकल पड़े तो उन्हें कुछ खास सफलता हाथ नहीं लगी। नरेश ने बताया कि उन्होंने 2012 में सिरका बनाने की शुरूआत की। देखते ही देखते ही कुछ ही समय में उन्होंने गन्ना, सेब, अमरूद, अनानास, अंगूर, जामुन, लीची, तरबूज, बेल पत्थर, पपीता, नींबू व तरबूज आदि फलों से सिरका तैयार कर एक नयी पहचान बना ली। बाजार में 21 तरह के सिरके नरेश सिरोही पिछले चार वर्षों से 21 तरह का सिरका तैयार कर बाजार में बेच रहे हैं। चार प्रकार के सिरकों के लिए शोभित विश्वविद्यालय के छात्र शोध कर रहे हैं।

जल्द ही उन्हें बाजार में तैयार कर बेचा जाएगा। तैयार सिरकों में गन्ना सिरका, गन्ना सौंफ के साथ, गन्ना पुदीने के साथ, गन्ना तुलसी के साथ, जामुन सिरका, जामुन तुलसी के साथ, सेब सिरका, अनार सिरका, अमरूद सिरका, अनानास सिरका, हरे अंगूर का सिरका, काले अंगूर का सिरका, आंवका सिरका, आलू बुखारा का सिरका, आडू सिरका, लीची सिरका, खजूर सिरका, बेल पत्थर सिरका, पपीता सिरका, नींबू सिरका व तरबूज सिरका आदि शामिल हैं। फिलहाल अमरूद, एलोवेरा, चकुंदर व लहसुन के सिरका बनाने की तैयारी चल रही है। 

chat bot
आपका साथी