दिन में अभ्यास रोकने से स्टेडियम के निशानेबाज परेशान
कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में वर्तमान में स्विमिंग पूल के नीचे संचालित पुराने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज पर दिन के समय अभ्यास करने से स्टेडियम प्रबंधन ने निशानेबाजों को रोक दिया है।
मेरठ, जेएनएन। कैलाश प्रकाश स्पोर्ट्स स्टेडियम में वर्तमान में स्विमिंग पूल के नीचे संचालित पुराने 10 मीटर एयर पिस्टल शूटिंग रेंज पर दिन के समय अभ्यास करने से स्टेडियम प्रबंधन ने निशानेबाजों को रोक दिया है। स्टेडियम व खेल विभाग का कहना है कि शूटिंग के लिए कोच नियुक्त हैं, इसलिए सभी खिलाड़ियों को खेल निदेशालय द्वारा निर्धारित सुबह छह से नौ और शाम को तीन से छह बजे के दौरान ही प्रशिक्षण के लिए स्टेडियम में आना चाहिए। इस निर्णय से दूर-दराज के गाव से आने वाले निशानेबाजों को परेशानी हो रही है। दो बार न आना-जाना पड़े इसलिए वह सुबह आते हैं और दिन भर अभ्यास करने के बाद शाम को घर जाते हैं।
ताकि बना रहे अनुशासन
क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी गदाधर बारीकी का कहना है कि खेल विभाग की ओर से स्टेडियम में प्रशिक्षण का समय सुबह और शाम को तीन-तीन घटे निर्धारित है। पहले कोच नहीं थे तब निशानेबाज अपनी सुविधा के अनुसार प्रशिक्षण करते थे। लेकिन अब कोच की नियुक्ति होने के बाद निर्धारित समय में ही अभ्यास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोच की नियुक्ति सुबह और शाम को तीन-तीन घटे के लिए होती है। इसलिए उन्हें पूरे दिन स्टेडियम में रुक कर प्रशिक्षण कराने के निर्देश नहीं दे सकते। बिना कोच अनुशासन कम रहता है।
सामने हैं प्रतियोगिताएं
शूटिंग कोच अप्सरा का कहना है कि जनवरी में इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं के लिए ट्रायल है, जिसके लिए खिलाड़ी सुबह से शाम तक अभ्यास कर रहे हैं। इसके अलावा विश्वविद्यालय स्तरीय शूटिंग प्रतियोगिता भी सामने है। खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें दिन में भी अभ्यास करने का मौका दिया जाना चाहिए जिससे वह बेहतर अभ्यास कर पदक के दावेदार भी बन सके। नेशनल शूटिंग प्रतियोगिता में पदक जीतने वाले निशानेबाज इंटरनेशनल ट्रायल की तैयारी कर रहे हैं। कोच के अनुसार बदली व्यवस्था निशानेबाजों को सुबह सात से 10 और दोपहर दो से पांच बजे तक की अनुमति दी गई है।
बहरहाल खिलाड़ी अगर अतिरिक्त समय में आकर अनुशासनहीनता करते हैं तब उन्हें रोका भी जाना चाहिए, लेकिन वह अनुशासन में रहकर केवल अभ्यास पर ही ध्यान केंद्रित रखते हैं, तो उन्हें प्रोत्साहन भी मिलना चाहिए।