सरकार ने वैसा किया, जैसा बाबा टिकैत चाहते थे: संजीव बालियान
कृषि कानूनों के समर्थन में मुजफ्फरनगर के गांव लुहसाना में किसान पंचायत हुई। केंद्रीय पशुपालन मत्स्य एवं डेयरी राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि भाकियू संस्थापक चौ. महेंद्र सिंह टिकैत कृषि प्रणाली में इसी प्रकार के बदलाव चाहते थे।
मुजफ्फरनगर, जेएनएन। कृषि कानूनों के विरोध में आयोजित किसान पंचायत व धरना-प्रदर्शनों से प्रदेश का माहौल गर्माया हुआ है, लेकिन रविवार को इस कानून के समर्थन में गांव लुहसाना में किसान पंचायत आहूत की गई। इसमें बड़ी संख्या में किसानों ने शिरकत की। केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी राज्यमंत्री डा. संजीव बालियान ने कहा कि भाकियू संस्थापक चौ. महेंद्र सिंह टिकैत कृषि प्रणाली में इसी प्रकार के बदलाव चाहते थे। इन कानूनों में किसान को अपनी फसल देशभर में कहीं भी बेचने की छूट है। कहा, दिल्ली में बैठे विपक्ष के नेता आपस में लड़ाना चाहते है, लेकिन ये दंगों के समय कहां थे?
गांव लुहसाना के ग्रामीणों द्वारा आयोजित पंचायत को संबोधित करते हुए संजीव बालियान ने कहा कि सरकार ने बाबा महेंद्र सिंह टिकैत के आदर्शों पर चलते हुए गुड़ मंडी में टैक्स और बार्डर पर रिश्वतखोरी खत्म की। वर्ष 2014 से पहले एक वर्ग विशेष का राज और गुंडागर्दी चलती थी। हमारे लोग पिटते थे और हम पर ही मुकदमे दर्ज होते थे। इस पीड़ा को उन्होंने भी झेला है। कहा कि सोरम मारपीट प्रकरण सोची समझी साजिश थी, जिसके तार दिल्ली से जुड़े थे। कहा कि रालोद ने सोरम की पंचायत में गुलाम मोहम्मद जौला को बुलाया, इनके हाथ हमारे भाइयों के खून से रंगे हैं। बालियान ने विश्वास दिलाया कि केंद्र सरकार किसानों की हितैषी है।