Kisan Kalyan Mela Meerut: किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य, कल्याण मेले में मिलेगी सभी योजनाओं की जानकारी
Kisan Kalyan Mela Meerut किसानों को तमाम जानकारी देने के उद्देश्य से मेरठ में भी किसान कल्याण मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में किसान हित से जुड़ी जानकारियां दी जाएंगी। कृषि विज्ञानी व विशेषज्ञ किसानों समस्याएं सुलझाएंगे।
मेरठ, जागरण संवाददाता। Kisan Kalyan Mela Meerut किसानों की आय दोगुनी करने की दिशा में शनिवार 25 सितंबर को सुबह साढ़े दस बजे से पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर प्रदेश सरकारी द्वारा प्रत्येक विकास खंड में किसान कल्याण मेला का आयोजन किया जाएगा। इसमें गन्ना, कृषि, उद्यान समेत कई सरकारी विभाग अपने स्टाल लगाएंगे। प्रदर्शनी में किसानों को योजनाओं व नवीनतम तकनीकी की बारे में बताया जाएगा। साथ ही कृषि विज्ञानी व विशेषज्ञ किसानों की समस्याओं का हल करेंगे। स्थानीय जनप्रतिनिधि किसान मेले में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे।
गन्ना विभाग लगाएगा प्रदर्शनी व स्टाल
उप गन्ना आयुक्त मेरठ राजेश मिश्र ने बताया किसान कल्याण मेले में गन्ना विकास विभाग द्वारा प्रत्येक विकास खण्ड में प्रदर्शनी/स्टाल लगाया जाएगा। जिसमें किसानों को ट्रेंच प्लांटिंग, ड्रिप इरिगेशन, गन्ने के साथ सहफसली खेती, ट्रेस मल्चिंग, फार्म मशीनरी बैंक, मिशन शक्ति अंतर्गत महिला स्वयं सहायता समूहों की सिंगल बड चिप योजना आदि से संबंधित प्रदर्शन भी मेला स्थल पर लगाया जाएगा। कृषकों को गन्ने की खेती की नवीनतम तकनीकी एवं विभागीय योजनाओं से संबंधित प्रचार साहित्य भी उपलब्ध कराया जाएगा।
अलग-अलग ब्लाक परिसर में होगा आयोजन
संभागीय विख्यापन अधिकारी उपेन्द्र सिंह ने जानकारी दी कि विकास खंड मवाना, परीक्षितगढ़ व हस्तिनापुर में गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल मवाना द्वारा, विकास खंड दौराला व सरूरपुर खुर्द में गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल दौराला द्वारा, विकास खंड सरधना में गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल सकौती टांडा द्वारा, विकास खंड खरखौदा व मेरठ में गन्ना विकास परिषद व चीनी मिल मोहिउददीनपुर द्वारा, विकास खंड जानी व रोहटा में गन्ना विकास परिषद मलियाना व चीनी मिल किनौनी द्वारा तथा विकास खंड माछरा व रजपुरा चीनी मिल व परिषद नंगलामल द्वारा प्रदर्शनी स्टाल लगाया जाएगा। उन्होंने किसानों से अपील की है कि अधिक से अधिक संख्या में प्रदर्शनी में भाग लें जिससे उन्हें विभागीय योजनाओं व गन्ने की बुआई की नवीनतम तकनीकी जानकारी हो सकें तथा वह अधिक से अधिक गन्ने की फसल से लाभ प्राप्त कर सकें।