राकेश टिकैत का करारा प्रहार, बोले- सरकार चला रहीं कंपनियां, एमएसपी के नाम पर बड़ा घोटाला
Kisan Andolan भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार को कंपनियां चला रही। संसद से बड़े व्यापारी गए हैं। कृषि कानून बाद में बनें लेकिन व्यापारियों के गोदाम पहले बन गए। एमएसपी के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है।
जागरण संवाददाता, बागपत। Kisan Andolan: भाकियू प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि सरकार को कंपनियां चला रही। संसद से बड़े व्यापारी गए हैं। कृषि कानून बाद में बनें, लेकिन व्यापारियों के गोदाम पहले बन गए। एमएसपी के नाम पर बड़ा घोटाला हो रहा है। एमएसपी पर साठ फीसदी फसल व्यापारियों की खरीदी जाती है। जबकि किसान एमएसपी के लिए परेशान हैं। महापंचायत को लेकर कहा कि पांच सिंतबर को होने वाले महापंचायत में कोई राजनैनिक दल नहीं होगा।
शनिवार को राकेश टिकैत ने गाजीपुर बार्डर से बड़ौत जाते वक्त शाम पौने छह बजे राष्ट्र वंदना चौक पर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल और शहीद अशफाक उल्ला खां की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। पत्रकारवार्ता करते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर में महापंचायत होगी, जिसमें कड़े फैसले होंगे। महापंचायत में कोई राजनीतिक दल भाग नहीं लेगा। न हम विधानसभा चुनाव लड़ेंगे और न हम किसी को समर्थन देंगे, लेकिन गांवों में जनता की अदालत में जाकर अपनी बात रखेंगे।
आंदोलन रद्द करने का बीच का कोई रास्ता नहीं
गाजीपुर बार्डर पर चल रहे आंदोलन को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन खत्म करने के लिए बीच का कोई रास्ता नहीं है। जब तक सरकार एमएसपी पर कानून नहीं बनाती है और तीनों कृषि कानून रद्द नहीं करती है, तब तक आंदोलन चलेगा। कहा कि किसान कमजोर नहीं है, वह अपने हक की लड़ाई लड़ना जानता है, उन्होंने कहा कि एमएसपी का लाभ किसानों को नहीं मिलता। एमएसपी पर 60 फीसदी फसल व्यापारियों से खरीदी जाती है।
सरकार किसी दल से नहीं
राकेश टिकैत ने तंज कसते हुए कहा कि यदि सरकार किसी दल की होती तो वह किसानों से जरूर मिलती, लेकिन सरकार को कंपनियां चला रही हैं। कृषि कानून बाद में बनते हैं, लेकिन बड़े व्यापारियों के गोदाम पहले बन जाते हैं। देश को बचाने का रास्ता आंदोलन है। राजनीतिक पार्टियां देश को नहीं बचा सकती। आंदोलन से देश बचेगा। देश की आजादी की लड़ाई गरीबों ने लड़ी थी। भाकियू नेता इंद्रपाल सिंह, हिम्मत सिंह मौजूद रहे।