Kisan Andolan: बागपत में बोले नरेश टिकैत-सरकार मांग पूरी कर दे तो सम्मान के साथ वापसी करें किसान

Naresh Tikait News शुक्रवार को बागपत के बड़ौत में भाकियू अध्‍यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि किसानों का कोई ऐसा उद्देश्य नहीं है कि सरकार को नीचा दिखाए लेकिन हमारी प्रतिष्ठा की बात है सरकार बात करें अच्छा लगेगा। सरकार के फैसले का स्‍वागत है।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Fri, 26 Nov 2021 03:40 PM (IST) Updated:Fri, 26 Nov 2021 03:40 PM (IST)
Kisan Andolan: बागपत में बोले नरेश टिकैत-सरकार मांग पूरी कर दे तो सम्मान के साथ वापसी करें किसान
गाजीपुर बार्डर रवाना होने से पूर्व बागपत में नरेश टिकैत ने प्रेस वार्ता की।

बागपत,जागरण संवाददाता। Naresh Tikait कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन को आज एक साल पूरा हो गया है। इसी को लेकर किसान शुक्रवार को भाकियू अध्यक्ष नरेश टिकैत की अगुवाई में गाजीपुर बार्डर पहुंचे। बड़ौत शहर में नरेश टिकैत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि आज किसान आंदोलन की एक साल की वर्षगांठ है उसी में जा रहे हैं। सरकार किसानों को दिल्ली में जाने नहीं दे रही है।

स्‍वागत है और धन्‍यवाद भी

किसान यूपी बोर्डर पर बैठे हैं। किसानों का कोई ऐसा उद्देश्य नहीं है कि सरकार को नीचा दिखाए, लेकिन हमारी प्रतिष्ठा की बात है सरकार बात करें अच्छा लगेगा। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमने तीनों किसी कानून वापस ले लिया है, तो उनका भी स्वागत है और धन्यवाद है। यह मुजबानी नहीं, लिखित में भी तो कुछ चाहिए, देखें आगे तो संयुक्त मोर्चे को है राइट ज्यादा और बारीकी का तो उनको ही पता है, पर हम यही चाह रहे हैं कि फैसला होना चाहिए और अच्छी तरीके से फैसला हो बाकी तो किसान भी सम्मान के साथ में अपने घर आए सबसे बड़ी यही बात है।

हमारा कोई अड़ियल रवैया नहीं

नरेश ने कहा कि हमारा कोई अड़ियल रवैया नहीं है सरकार ने यहां तक बात पहुंचा दी, सरकार का ही जिद्दी रवैया है हमारा किसानों का कोई जिद्दी रवैया नहीं है। किसानों की एमएसपी की मांग है सरकार एक कानून बना दें कि इस रेट में आप की फसल खरीदी जाएगी। एक कहावत है कि ना तुम जीते ना हम हारे ऐसे ही एक साल हो गया सरकार में किसानों में। हमारे 700 किसान शहीद हो गए हमें कोई शौक थोड़ी है या कोई उमाहा नहीं है या कोई हमारे फायदे का सौदा नहीं हैै आंदोलन है करोड़ों लोगों की निगाहें किसानों की आंदोलन पर लगी है। आंदोलन में किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, पाकिस्तानी, आंदोलन जीवी कहा जा रहा है, लेकिन किसानों का फिर भी इतना बड़ा दिल है कि किसानों ने हस कर टाल देते हैं।

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