Kisan Andolan: मुजफ्फरनगर में महंगाई व कृषि कानूनों के विरोध में हाईवे किया जाम, पुलिस से झड़प
भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) तोमर के कार्यकर्ताओं ने बढती महंगाई व कृषि कानूनों के विरोध में छपार में हाईवे जाम कर धरना पर बैठ गए। और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं शामली में गेहूं की खरीद को लेकर विरोध जारी है।
मेरठ, जेएनएन। भारतीय किसान यूनियन(भाकियू) तोमर के कार्यकर्ताओं ने बढती महंगाई व कृषि कानूनों के विरोध में छपार में हाईवे जाम कर धरना पर बैठ गए। और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। भाकियू तोमर के कार्यकर्ताओं ने मंहगाई का पूतला भी फूंके। इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हुई। हालाकि कुछ समय बाद ही एसडीएम सदर दीपक कुमार व सीओ सदर को ज्ञापन सौपकर धरना समाप्त कर दिया गया। वहीं शामली में गेहूं खरीद न होने से किसानों का धरना जारी है।
गेहूं खरीद की अवधि न बढ़ने पर किसानों ने शामली नवीन मंडी में डेरा जमाया हुआ है। भाकियू जिलाध्यक्ष कपिल खाटियान का कहना है कि पंजीकरण के बावजूद 20 किसानों से गेहूं नहीं लिया गया। हो सकता है कि बड़ी संख्या में किसान घर लौट गए हों। लेकिन यह गेहूं घर नहीं जाएगा। मंडी में तौल नहीं हुई तो कलक्ट्रेट में गेहूं लेकर जाएंगे। पंजीकरण के बाद भी खरीद न होना सीधे सीधे किसान का उत्पीड़न है। तभी तो देश का किसान एमएसपी पर कानून बनाने के लिए लड़ाई लड़ रहा है। अभी तक प्रशासन से कोई अधिकारी बात करने के लिए नहीं आया है। भाकियू ने सभी पदाधिकारियों को मंडी पहुंचने का आह्वान किया है।
बता दें कि एक अप्रैल से खरीद सत्र शुरू हुआ था। 15 जून अंतिम तिथि थी, लेकिन सरकार ने खरीद की तिथि 22 जून तक बढ़ा दी थी। इस बार दस हजार से अधिक किसानों ने आनलाइन पंजीकरण कराया था। 9281 किसानों ने 27866 मीट्रिक टन गेहूं बेचा है। 8481 किसानों का भुगतान हुआ है।पिछले साल 17888 मीट्रिक टन खरीद हुई थी। गेहूं खरीद न होने पर किसान भाकियू के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंचे। कलक्ट्रेट के गेट पहले ही बंद कर दिए गए थे। ऐसे में गेहूं से लदी ट्रैक्टर ट्राली अंदर नहीं जा सकी। किसान कलक्ट्रेट के बाहर मुजफ्फरनगर मार्ग पर बैठ गए हैं और जाम लग गया है। पुलिसबल भी मौजूद है।