Kisan Andolan: किसान संगठनों ने आंदोल‍न किया तेज, बोले- भूलने नहीं देंगे 26 तारीख?

कोरोना की दूसरी लहर सिमटती देख किसान संगठनों ने कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन तेज कर दिया है। केंद्र सरकार पर हठधिर्मिता का आरोप लगाते इस रवैये को तानाशाही से जोड़कर देख रहे आंदोलनकारी नेता एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने को तैयार हैं।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Fri, 25 Jun 2021 10:12 AM (IST) Updated:Fri, 25 Jun 2021 10:12 AM (IST)
Kisan Andolan: किसान संगठनों ने आंदोल‍न किया तेज, बोले- भूलने नहीं देंगे 26 तारीख?
तस्‍वीर:- भाकियू राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष नरेश टिकैत, प्रवक्‍ता राकेश टिकैत व रालोद अध्‍यक्ष जयंत चौधरी

जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर। कोरोना की दूसरी लहर सिमटती देख किसान संगठनों ने कृषि सुधार कानूनों के विरोध में आंदोलन तेज कर दिया है। केंद्र सरकार पर हठधिर्मिता का आरोप लगाते इस रवैये को तानाशाही से जोड़कर देख रहे आंदोलनकारी नेता एक बार फिर अपनी ताकत दिखाने को तैयार हैं। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत दूसरे नेता कहते हैं कि सरकार को 26 तारीख का दिन भूलने नहीं दिया जाएगा, इसी दिन कृषि सुधार कानूनों के विरोध का सातवां महीना पूरा हो रहा है। हालांकि 26 जून के दिन ही देश कांग्रेस द्वारा थोपे गए आपातकाल के काले अध्याय को याद करता है, इस बिंदु पर ये नेता कुछ नहीं बोलते।

बहरहाल, संयुक्त किसान मोर्चा ने 26 जून को आंदोलन को धार देने की घोषणा की है। भारतीय किसान यूनियन के साथ ही भारतीय किसान मजदूर मंच, भाकियू तोमर समेत विभिन्न संगठन इस दिन सड़क पर उतरकर विरोध करेंगे।

कार्यक्रम के मद्देनजर मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बागपत और मेरठ आदि जनपदों से विभिन्न किसान संगठनों से जुड़े लोग दिल्ली के यूपी बार्डर पर पहुंचने लगे हैं। सहारनपुर से शुरू हुई ट्रैक्टर रैली भी दिल्ली पहुंचेगी।

इन सबके बीच भाकियू संस्थापक स्व.चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के बेहद करीबी रहे किसान मजदूर मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुलाम मोहम्मद जौला कहते हैं कि 26 जून के आंदोलन में हमारी बढ़-चढ़कर भागीदारी रहेगी। किसानों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया भी आपातकाल की याद दिलाता है, किसानों की आवाज दबाई जा रही है और हम ऐसा होने नहीं देंगे। आंदोलन को और गति देने के लिए हम दिल्ली बार्डर पर नई रणनीति बनाएंगे।

सरकारों की तानाशाही का हमेशा विरोध : नरेश टिकैत

26 जून को ही आंदोलन के पीछे की वजह को लेकर भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत कहते हैं कि सात माह पूर्व इसी तिथि को कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलन की शुरुआत हुई थी। जिस भी सरकार ने तानाशाही की, उसका हमेशा ही विरोध किया गया है। अब भाजपा की जिद ने छोटी बात को बेवजह बड़ा बना दिया है, किसानों को पीड़ा पहुंचाई जा रही है।

इसी दिन किसानों के साथ धोखा हुआ : राकेश टिकैत

भाकियू प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत कहते हैं कि 26 तारीख हर महीने आती रहेगी और यह तारीख हम सरकार को भूलने नहीं देंगे। इस 26 जून को ट्रैक्टर रैली का रिहर्सल है। हम हर माह की 26 तारीख को सरकार को बार-बार याद दिलाते रहेंगे क्योंकि इसी तारीख पर कृषि कानूनों को थोपकर किसानों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया गया।

यूपी गेट पहुंचेगा ट्रैक्टर मार्च: यूपी गेट पर 28 नवंबर से चल रहा कृषि विरोधी धरना बृहस्पतिवार को भी जारी रहा। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार का इलाज अब गांवों में होगा। वहीं, शुक्रवार को यहां प्रदर्शनकारियों का ट्रैक्टर मार्च पहुंचेगा।

सरकार जिद छोड़कर कृषि कानूनों को वापस ले: जयंत

राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पत्र में जयंत चौधरी ने कहा है कि किसानों ने कोरोना लाकडाउन में देश की जनता का पेट भरा और अर्थव्यवस्था को अपने कंधे पर थामे रखा। आज वही किसान अस्तित्व की लड़ाई लड़ने को मजबूर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के किसानों से एक फोन काल दूर वाले बयान को याद दिलाते हुए कहा कि जब ऐसी सकारात्मक बात कही तो लगा कि समाधान किया जा सकता है। सरकार के नुमाइंदे और मंत्रियों ने किसानों के साथ संवाद को स्थगित कर दिया । 

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