Kisan Andolan: मेरठ के 500 किसानों ने लखनऊ पंचायत में लिया भाग, अब यह है आगे की योजना

Kisan Andolan भाकियू के मेरठ जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि मेरठ से सड़क व रेलमार्ग से 500 से अधिक किसान सुबह-सबेरे ही लखनऊ पहुंच गए थे। उन्‍होंने आगे बताया कि गाजीपुर बार्डर पर 26 नवंबर को महापंचायत होगी। रणनीति पर विचार किया गया।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 07:36 AM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 07:36 AM (IST)
Kisan Andolan: मेरठ के 500 किसानों ने लखनऊ पंचायत में लिया भाग, अब यह है आगे की योजना
किसानों का संसद के लिए मार्च होगा 29 नवंबर से।

मेरठ, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ईको गार्डेन में सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत हुई। इसमें भाग लेने के लिए भारतीय किसान यूनियन के मेरठ से भी पदाधिकारी और सदस्य यहां से लखनऊ पहुंचे। दावा किया गया है कि अकेले मेरठ से ही 500 से अधिक किसान लखनऊ महापंचायत में शामिल हुए। भाकियू के मेरठ जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी ने बताया कि मेरठ से सड़क व रेलमार्ग से 500 से अधिक किसान सुबह-सबेरे ही लखनऊ पहुंच गए थे। सोमवार को सुबह से ही ईको गार्डेन में संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत के लिए लोग आने लगे थे, मेरठ से भी हम लोग सुबह सात बजे ही वहां पहुंच गए थे।

आंदोलन का एक साल

मनोज त्यागी ने बताया कि सभी पदाधिकारियों से यह कहा गया है कि आंदोलन के एक वर्ष पूरे होने पर गाजीपुर बार्डर पर 26 नवंबर को महापंचायत होगी। इसके बाद 29 नवंबर से किसान संसद के लिए मार्च करेंगे। मार्च में प्रतिदिन क्रमवार 30 ट्रैक्टर व 500 किसान शामिल रहेंगे। उन्होंने बताया कि लखनऊ महापंचायत में संयुक्त किसान मोर्चा ने किसान आंदोलन के आगे की तैयारियों के बारे में जानकारी दी।

जवानों के साथ कहासुनी

मेरठ से महापंचायत में जाने वालों में मुख्य रूप से भाकियू जिलाध्यक्ष मनोज त्यागी के साथ गजेंद्र सिंह, राजकुमार करनावल, संजय दौरालिया, बबलू जटौली, विनोद जटौली, अशफाक प्रधान, अजय चौधरी व प्रशांत चौधरी आदि शामिल रहे। इससे पहले रविवार रात सिटी रेलवे स्टेशन पर किसानों ने नौचंदी एक्सप्रेस पर कब्जा कर लिया था। ये लोग एसी और स्लीपर कोच में बैठे थे। इसको लेकर आरपीएफ और जीआरपी जवानों से कहासुनी भी हुई थी। हालांकि पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि रेल प्रशासन से अतिरिक्त कोच की मांग की गई थी लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया।

सिवाया टोल पर जारी रहा धरना

मेरठ से बड़ी संख्या में भाकियू पदाधिकारी और सदस्य महापंचायत में भाग लेने के लिए लखनऊ गए थे। दूसरी ओर सिवाया टोल प्लाजा पर भाकियू का आंदोलन भी जारी था। यहां 26 मई से आंदोलनकारी धरने पर बैठे हैं। सोमवार को आंदोलन का नेतृत्व बहसूमा निवासी महेंद्र सिंह चहल और मिंटू दौरालिया कर रहे थे।

इन मांगों पर जारी है आंदोलन

प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानून रद करने की घोषणा के बाद भी संयुक्‍त किसान मोर्चा के नेतृत्‍व में आंदोलन जारी है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्‍ता चौधरी राकेश टिकैत पहले ही स्‍पष्‍ट कर चुके हैं कि एमएसपी समेत कई मांगें अभी बाकी हैं। आंदोलनकारी किसान सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं मगर इन सभी का समाधान होना चाहिए।

कई मांगों के बीच मुख्य मांगें निम्न हैं...

- न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बने

- सीड बिल पर बात हो

- बीते दस महीनों में 750 किसान शहीद, दिल्ली में उनका स्मारक बने

- लखीमपुर खीरी प्रकरण में केंद्रीय मंत्री को बर्खास्त किया जाए

- प्रधानमंत्री जिनको वार्ता के लिए भेजें, उनके पास निर्णय लेने का अधिकार हो। 

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