शहीदों का गांव खेड़ा..जहां विकराल होती जा रही पानी की समस्या

सरधना तहसील रोड से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर शहीदों का खेड़ा गांव है। यह गांव कारगिल में शहीद जवानों की शौर्य गाथाओं से जाना जाता है। गांव में पानी की समस्या बड़ी जटिल है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 06:45 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 06:45 PM (IST)
शहीदों का गांव खेड़ा..जहां विकराल होती जा रही पानी की समस्या
शहीदों का गांव खेड़ा..जहां विकराल होती जा रही पानी की समस्या

मेरठ, जेएनएन। सरधना तहसील रोड से महज 15 किलोमीटर की दूरी पर शहीदों का खेड़ा गांव है। यह गांव कारगिल में शहीद जवानों की शौर्य गाथाओं से जाना जाता है। गांव में पानी की समस्या बड़ी जटिल है। घर में टंकियां लगी हैं, कितु उनमें पानी नहीं आता। ऐसे में ग्रामीण घरों में लगे नल व सबमर्सिबल से ही काम चला रहे हैं। पंचायत चुनाव में छह प्रधान पद व दो जिला पंचायत पद के प्रत्याशी भाग्य अजमा रहे हैं। प्रत्याशियों का दावा है कि जीत गए तो गांव की हर समस्या का निदान कर देंगे। ग्रामीणों ने बताया कि हर बार की तरह आश्वासन मिला है। ऐसे में वे प्रत्याशियों पर विश्वास नहीं कर सकते हैं।

गांव खेड़ा की आबादी 12 हजार और वोटर 5,750 हैं। गांव में पहुंचने को कुछ साधन नहीं है। ऐसे में ग्रामीण अपने निजी वाहनों से गांव पहुंचते हैं। गांव जाने के लिए चार मार्ग हैं, जिनमें से पाली व रार्धना मार्ग जर्जर हालत में है। ग्रामीण कई बार जनप्रतिनिधियों व अफसरों से कह चुके हैं, लेकिन आश्वासन ही मिला है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की पाइप लाइन बिछ गई है और टंकी भी लग गई है, लेकिन पानी नहीं आता। उधर, नालियां भी गंदगी से अटी पड़ी हैं। सफाईकर्मी कभी-कभी आता है और इतिश्री कर चला जाता है। ऐसे में हर समय बीमारियों का डर बना रहता है। गांव में चार तालाब हैं। सालों से तालाब के गंदे पानी में मच्छर पनप रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जब भी गणमान्यों को सफाई के लिए कहते हैं, तो वह सफाई कराने का आश्वासन देकर मामले को गोलमोल कर देते हैं।

शहीदों के नाम पर बने हैं शहीद द्वार

ग्रामीणों ने बताया कि कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देने वाले शहीद दीपक कुमार सोम व मेजर दिग्विजय सिंह के नाम पर नवादा मार्ग व रार्धना मार्ग पर शहीद द्वारा बनाए गए हैं। नवादा मार्ग पर शहीद दीपक कुमार सोम की प्रतिमा का अनावरण वर्ष 2010 में कराया गया था।

खेड़ा इंटर कालेज में हुई थी महापंचायत

ग्रामीणों ने बताया कि कवाल कांड के बाद खेड़ा के जनता इंटर कालेज में महापंचायत हुई थी। वहीं, प्रशासन का पूरा अमला गांव के सभी मार्गों पर तैनात था, लेकिन पंचायत को सफल बनाने को अन्य जिलों से लोग खेतों के रास्ते से पंचायत में शामिल हुए थे। उस समय पुलिस ने लोगों को रोकने के लिए गोली चला दी थी, जिसमें कई को गोली लगी थी। इसके बाद भीड़ का पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों से आमना-सामना हुआ था।

गांव का नाम रोशन कर रहीं पहलवान जैस्मिन

ग्रामीणों ने बताया कि गांव की महिला पहलवान जैस्मिन सोम आइटीबीपी का हिस्सा बनकर गांव का नाम रोशन कर रही हैं। वे पिछले साल 2019 में ही आइटीबीपी का हिस्सा बनीं हैं। वर्तमान में वह दिल्ली में कुश्ती का प्रशिक्षण प्राप्त कर अगली प्रतियोगिता की तैयारी कर रही हैं।

ग्रामीण बोले : गांव की सीमा से लगे संपर्क मार्ग जर्जर हालत में है। साफ छवि वाले प्रत्याशी को ही वोट दिया जाएगा। जो गांव का विकास कर सकें।

हरि सिंह, ग्रामीण

गांव में पानी की समस्या बड़ी विकट है। हर कोई प्रत्याशी बीते पांच साल की तरह आश्वासन दे रहा है। वोट सोच समझ के दिया जाएगा।

धर्मवीर, ग्रामीण

नालियां गंदगी से अटी पड़ी है। एक माह में एक बार सफाई कर्मी आता है और खानापूरी कर चला जाता है। ऐसे में स्वयं ही कार्य कर साफ-सफाई करते हैं।

विक्रम सिंह, ग्रामीण

हर पांच वर्ष में चुनावी वादे सुनते हैं। जो कभी पूरे नहीं होते। जो लोगों की बात को अनसुना ना करे। उसे ही मतदान किया जाएगा।

राज कुमार शर्मा, ग्रामीण

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