जकात और सदकातुल फितर देते समय जरूरतमंद कोरोना पीडितों का ध्यान रखें
अलविदा जुमे की नमाज कोविड गाइड लाइन के अनुसार अदा की गई। मस्जिदों में निर्धारित संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। अधिकाश लोगो ने घरों में ही नमाज पढी।
जागरण संवाददाता, मेरठ : अलविदा जुमे की नमाज कोविड गाइड लाइन के अनुसार अदा की गई। मस्जिदों में निर्धारित संख्या में लोगों ने नमाज अदा की। अधिकाश लोगो ने घरों में ही नमाज पढी। कई मस्जिदों पाच से कुछ ज्यादा लोग पहुंचे लेकिन कहीं भी शारीरिक दूरी के नियमों का उल्लंघन नहीं हुआ। कई जगह पुलिस मुस्तैद रही। कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में शहर काजी जैनुस साजिदीन ने नमाज अदा करायी और दुआ की। शहर काजी ने कहा कि 25 वीं और 27 रात को दो शबे कद्र की तिथि शेष है ऐसे में इबादत करना जारी रखें। इसमें एक हजार दिन की इबादत का सवाब मिलता है। सदकातुल फितर और जकात ऐसे गरीब लोगों को देना चाहिए जो ईद नहीं मना सकते हैं। इसके अलावा जरूरतमंद करोना पीडितों की मदद के लिए भी यह दिया जा सकता है। सदकातुल फित्र 50 रुपये परिवार के हर सदस्य को देना होगा। जिनके पास साढे सात तोला सोना या 52.5 तोला चादी है या उसके बराबर की कीमत का सामान या धन है और एक साल गुजर गया हो तो वह 2.5 प्रतिशत जकात अदा करेंगे। अर्थात एक हजार रुपये में 25 रुपये देना होगा। शहर काजी ने कहा कि 12 मई को सूरज डूबने के बाद चाद देखा जाएगा। अगर चाद दिख गया तो जुमे रात को ईद होगी अगर नजर नही आया ंतो जुमे को ईद होगी। ईद पर नमाज पढने की अनुमति मागी
जागरण संवाददाता, मेरठ : जमियत उलेमा ए हिंद के पदाधिकारियों ने ईद के मुबारक मौके पर अधिक से अधिक लोगो को नमाज पढने की अनुमति दिए जाने की माग जिलाधिकारी से की है। संगठन के जिला अध्यक्ष काजी जैनुर राशिदीन ने कहा है कि शारीरिक दूरी से साथ अलग अलग ईदगाहों में नमाज अदा करने की अनुमति दी जाए। जिस प्रकार विवाह समारोह में लोगों की निश्चत संख्या के शामिल होने की अनुमति दी गई है। 13 या 14 मई को होने वाली ईद के मौके पर नमाज के बाद लोग कोरोना के खात्मे के लिए अल्लाह से दुआ करेंगे। माग करने वालों में रियासत अली, अख्तर आलम, आफताब खान, शीराज आदि शामिल रहे।