परिषदीय स्कूलों में मॉडल बनेगा कौसर के पढ़ाने का तरीका

मेरठ जेएनएन बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से स्कूलों में न्यूनतम संसाधनों के बीच सर्वोत्तम शिक्ष

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Aug 2019 06:00 AM (IST) Updated:Thu, 22 Aug 2019 06:27 AM (IST)
परिषदीय स्कूलों में मॉडल बनेगा कौसर के पढ़ाने का तरीका
परिषदीय स्कूलों में मॉडल बनेगा कौसर के पढ़ाने का तरीका

मेरठ, जेएनएन: बेसिक शिक्षा परिषद की ओर से स्कूलों में न्यूनतम संसाधनों के बीच सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षकों के अनुभवों पर आधारित एक मॉडल पुस्तक तैयार की जा रही है। इस पुस्तक के लिए जिले से प्राथमिक विद्यालय फफूंडा-एक की प्रधानाध्यापिका कौसर जहां के आलेख को चिन्हित किया गया है। प्रदेशभर से चयनित 36 शिक्षकों के अनुभवों से सुसज्जित किताब को प्रदेशभर के स्कूलों में बेस्ट प्रैक्टिसेस के मॉडल के तौर पर पेश किया जाएगा। जिससे अन्य स्कूल भी इन शिक्षकों के अनुभवों से अपने-अपने स्कूल में शिक्षण के स्तर को सुधार सकें।

मांगे गए थे शिक्षकों के अनुभव

परिषदीय स्कूलों में हर जगह ही संसाधनों की कमी रही है। ऐसे में बहुत से शिक्षकों ने भौतिक परिवेश को आकर्षक बनाने व कला व शिक्षण में परिश्रम करते हुए स्कूलों में शिक्षण के माहौल को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया है। साथ ही शिक्षकों ने साथ मिलकर स्थानीय लोगों को भी जोड़ने में अहम योगदान दिया। ऐसे ही शिक्षकों के अनुभवों पर विभाग ने आलेख मांगे थे। प्रदेश के सभी जिलों से कई-कई शिक्षकों ने अनुभव लिखकर भेजे थे।

गांव के हर घर से स्कूल आए बच्चे

कौसर जहां के अनुसार विभाग और स्कूल की शिक्षिकाओं के सहयोग से उन्होंने गांव के हर घर से जुड़ने और परिजनों व बच्चों को स्कूल से जोड़ने की कोशिश की, जिसमें उन्हें सफलता भी मिली। शिक्षकों ने पब्लिक स्कूलों में बच्चों को पढ़ाने वाले परिजनों से बच्चों की तुलना कराई तो परिजन भी पब्लिक स्कूल से बच्चों को निकालकर प्राइमरी में दाखिला दिलाने लाए। पढ़ाई बेहतर दिखी तो एक-एक कर हर परिवार स्कूल से जुड़ता गया। स्कूल में वर्तमान में 363 बच्चे हैं। इनमें 192 बालक और 171 बालिकाएं पढ़ रही हैं।

28-29 को होगी कार्यशाला

अंतिम रूप से पुस्तक के लिए चयनित आलेख लिखने वाले शिक्षकों के लिए बेसिक शिक्षा निदेशालय में दो दिनी कार्यशाला आयोजित की जा रही है। यह कार्यशाला 28 व 29 अगस्त को होगी। सभी शिक्षकों को 28 को सुबह साढ़े 10 बजे निदेशालय सभागार पहुंचना है।

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