रोहिणी नक्षत्र में होगा करवाचौथ पूजन

चतुर्थी तिथि सुबह 3.01 बजे शुरू होगा। सरगी लेने का समय सुबह 4 से 5 बजे तक उचित रहेगा।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 24 Oct 2021 03:15 AM (IST) Updated:Sun, 24 Oct 2021 03:15 AM (IST)
रोहिणी नक्षत्र में होगा करवाचौथ पूजन
रोहिणी नक्षत्र में होगा करवाचौथ पूजन

मेरठ,जेएनएन। सुहागिन महिलाओं के लिए अखंड सौभाग्य का व्रत करवाचौथ कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में रविवार को मनाया जाएगा। सुबह सरगी खाने के बाद महिलाएं पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए दिनभर निर्जला व्रत रखकर शाम को करवाचौथ माता की कथा सुनने के बाद रात में चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलेंगी।

सास खिलाती है बहू को सरगी

सरगी वह खाना है, जो करवाचौथ के दिन सास बहू को देती हैं। सरगी सुबह सूरज निकलने से पहले ली जाती है। इसके बाद व्रत शुरू माना जाता है। सरगी खाने का यह लाभ होता है कि पूरे दिन व्रत के दौरान ऊर्जा बनी रहती है। यदि घर में सास न हो तो घर की कोई अन्य बड़ी महिला भी सरगी खिला सकती हैं। जहां सास बहू को सुबह सरगी देती हैं, वहीं बहू करवाचौथ पूजन के दौरान सास को बायना देती है।

करवाचौथ पर बन रहा है शुभ संयोग

सूरजकुंड स्थित बाबा मनोहरनाथ मंदिर की महामंडलेश्वर नीलिमानंद महाराज ने बताया कि इस बार करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा। साथ ही रविवार का दिन होने से व्रत रखने वाली महिलाओं को सूर्यदेव का आशीर्वाद भी प्राप्त होगा। करवाचौथ पर महिलाएं मां पार्वती, भगवान शिव, कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा करती हैं, और अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं, और चंद्र दर्शन के बाद व्रत खोलती हैं।

करवाचौथ पूजा का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत का कहना है कि करवाचौथ पर रोहिणी नक्षत्र में चंद्रोदय होगा। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 3.01 बजे से शुरू होकर अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 5.43 बजे तक रहेगी। इस दिन चंद्रोदय 8.11 बजे होगा। पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 6.55 से 8.51 बजे तक रहेगा। वहीं, सरगी लेने का सही समय सुबह 4 से 5 बजे के बीच रहेगा।

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