कारी उस्मान मंसूरपुरी होंगे दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम Saharanpur News

अहम फैसलों के साथ संपन्न हुई शूरा बैठक बजट में छह करोड़ की कटौती। कारी उस्मान मंसूरपुरी को दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम बनाने के साथ ही रिक्त पदों को भी भरा गया। मोहतमिम नौमानी को शेखुल हदीस और अरशद मदनी को सदर मुदर्रिस की जिम्मेदारी।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 14 Oct 2020 10:31 PM (IST) Updated:Wed, 14 Oct 2020 10:31 PM (IST)
कारी उस्मान मंसूरपुरी होंगे दारुल उलूम के कार्यवाहक मोहतमिम Saharanpur News
कारी उस्मान मंसूरपुरी को कार्यवाहक मोहतमिम बनाने के साथ ही रिक्त पदों को भी भरा गया।

सहारनपुर, जेएनएन। दारुल उलूम की सुप्रीम कमेटी मजलिस-ए-शूरा की तीन दिवसीय बैठक बुधवार को अहम फैसलों के साथ संपन्न हुई। जमीयत उलमा -ए-हिंद (महमूद मदनी गुट) के राष्ट्रीय अध्यक्ष कारी उस्मान मंसूरपुरी को कार्यवाहक मोहतमिम बनाने के साथ ही रिक्त पदों को भी भरा गया। कोरोना के चलते बजट में छह करोड़ रुपये की कटौती की गई। 

पांच चरणों में हुई बैठक में शूरा सदस्यों के विचार-विमर्श के बाद कारी उस्मान मंसूरपुरी को संस्था का कार्यवाहक मोहतमिम नियुक्त किया गया। वहीं मुफ्ती सईद पालनपुरी के इंतकाल के बाद रिक्त चल रहे सदर मुदर्रिस के अहम पद की जिम्मेदारी जमीयत अध्यक्ष और संस्था के उस्ताद मौलाना अरशद मदनी को सौंपी गई। मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी को शेखुल हदीस का अतिरिक्त पदभार दिया गया। इसके अलावा कांधला क्षेत्र के गढ़ी दौलत मदरसा के मोहतमिम मौलाना आकिल को नया शूरा सदस्य बनाया गया।

कोरोना के चलते छह माह से संस्था बंद होने के कारण इस बार पिछले वर्ष के बजट (करीब 36 करोड़) में से छह करोड़ रुपये की कटौती की गई। तय हुआ कि इस वर्ष किसी कर्मचारी की तनख्वाह नहीं बढ़ेगी। इसी बजट से निर्माण कार्यों की भीेव्यवस्था की जाएगी।

नए शिक्षण सत्र पर गाइडलाइन का इंतजार

शिक्षण सत्र शुरू करने को लेकर शूरा सदस्यों ने संस्था की प्रबंध कमेटी को अधिकार दिया कि वह सरकार की गाइडलाइन आने के बाद अपनी व्यवस्था के अनुसार काम शुरू करें।

बैठक में ये रहे शामिल

बैठक में देशभर से आए शूरा सदस्यों ने शिरकत की। इनमें मोहतमिम मुफ्ती अबुल कासिम नौमानी, सांसद मौलाना बदरुद्दीन अजमल, पूर्व मोहतमिम मौलाना गुलाम मोहम्मद वस्तानवी, मौलाना अलीम फारुकी, मौलाना अनवारुलहक, मौलाना रहमतुल्लाह कश्मीरी, मौलाना शफीक बैंगलुरु, सैयद अंजर हुसैन मियां, मौलाना महमूद, मौलाना आकिल सहारनपुर, मौलाना मलिक मोहम्मद इब्राहीम, मौलाना इस्माइल मालेगांव, हकीम कलीमुल्लाह अलीगढ़, सैयद हबीब अहमद, मौलाना निजामुद्दीन शामिल रहे।

छह माह बाद गुलजार हुआ परिसर

कोरोना के चलते छह माह से दारुल उलूम सूना पड़ा था। मजलिस-ए-शूरा की बैठक के चलते यहां रौनक नजर आई। बंद पड़ा मुख्य द्वार भी खोला गया। बैठक के बाद बुधवार को शूरा सदस्य यहां से रवाना हो गए।

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