Kanpur Encounter Case: मुठभेड़ की याद दहला देती है दिल, लगा आतंकी गोली बरसा रहे हैं, सिपाही ने सुनाई दास्तां

Kanpur Encounter Caseपांच लाख के ईनामी बदमाश विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ को याद करके सिपाही अजय कुमार कश्यप सिहर उठता है।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 08 Jul 2020 03:46 PM (IST) Updated:Wed, 08 Jul 2020 11:59 PM (IST)
Kanpur Encounter Case: मुठभेड़ की याद दहला देती है दिल, लगा आतंकी गोली बरसा रहे हैं, सिपाही ने सुनाई दास्तां
Kanpur Encounter Case: मुठभेड़ की याद दहला देती है दिल, लगा आतंकी गोली बरसा रहे हैं, सिपाही ने सुनाई दास्तां

बुलंदशहर, जेएनएन। पांच लाख के ईनामी बदमाश विकास दुबे के साथ हुई मुठभेड़ को याद करके सिपाही अजय कुमार कश्यप सिहर उठता है। अस्पताल से छुट्टी के बाद डिबाई स्थित घर लौटे सिपाही का कहना है कि ऐसा लग रहा था कि आतंकी गोलियां चला रहे हैं। पुलिस को छिपकर जान बचानी पड़ी। बाद में जब पुलिस की तरफ से गोलियां चलाई गई तो आरोपित फरार हो गए। बता दें कि बुलंदशहर के डिबाई के मोहल्ला शेखमचिस्ती का रहने वाला सिपाही अजय भी इस मुठभेड़ में दो गोली लगने से घायल हुआ था।

दरअसल, डिबाई के मोहल्ला शेखमचिस्ती पटेवाला निवासी अजय कुमार कश्यप वर्तमान में कानपुर के बिठूर थाने में तैनात है। उसकी ड्यूटी एसओ कौशलेंद्र प्रताप सिंह के साथ हमराह के रूप में चल रही है। अजय ने बताया कि मुठभेड़ की रात करीब 10 बजे एसओ का आदेश हुआ कि गांव बिकरू में दबिश में जाना है। जिसके बाद अजय अपने सिपाही साथी जितेंद्र, बबूल, राहुल, मंदना चौकी इंचार्ज अनूप कुमार के साथ गांव बिकरू में पहुंचे। यहां पर उसी समय शिवराजपुर और चौबेपुर थाने की फोर्स भी आ गई। दबिश के दौरान करीब 35 पुलिसकर्मी मौजूद थे। जहां पर जेसीबी लगी थी। वहां पर गाड़ी को रोक दिया गया। पूरे गांव में अंधेरा होने के कारण कुछ नहीं दिखाई दे रहा था। विकास दुबे के घर के बाहर एक पोल पर बल्ब जल रहा था। जैसे ही पुलिसकर्मी इस बल्ब की रोशनी में आए तो बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दी। अजय ने बताया कि उन्होंने एक दीवार की आड़ लेकर गोली चलाई, लेकिन आरोपितों तक गोली नहीं पहुंच रही थी। इस गोलीबारी में अजय के साथी बबलू, राहुल, जितेंद्र बलिदानी हो गए। मंदना चौकी इंचार्ज अनूप कुमार की भी मौत हो गई। अजय को दो गोली लगी तो एसओ कौसलेंद्र प्रताप सिंह को भी एक गोली लगी। बाद में और फोर्स पहुंचा तो आरोपित फरार हो गए।

टार्च जलाते ही पुलिसकर्मियों पर चलाई गोलियां

अजय का कहना है कि जब वह लोग विकास दुबे के घर के नजदीक पहुंचे तो उन्हें शक हुआ कि छत पर कुछ लोग है। जिसके बाद एक सिपाही ने टार्च जलाई। जैसे ही टार्च जली। उसी दौरान टार्च की रोशनी में गोलियां चलनी शुरू हो गई। तब तक पुलिस बल्ब की रोशनी में भी आ गए थे।

100 से 150 राउंड गोलियां चली

अजय का कहना है कि लगभग 100 से 150 राउंड गोलियां बदमाशों की तरफ से चलाई गई थी। जब उसे पता चला कि उसके साथी तीन सिपाही और एक सब इंस्पेक्टर बलिदानी हो गए है तो उसे बेहद दुख हुआ। 

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