एसटीपी से जुड़ें छह कालोनियां तो कसेरूखेड़ा नाले में बहे साफ पानी

कसेरूखेड़ा नाले के किनारे एमडीए का रक्षापुरम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है जो प

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 07:15 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 07:15 AM (IST)
एसटीपी से जुड़ें छह कालोनियां  तो कसेरूखेड़ा नाले में बहे साफ पानी
एसटीपी से जुड़ें छह कालोनियां तो कसेरूखेड़ा नाले में बहे साफ पानी

मेरठ,जेएनएन। कसेरूखेड़ा नाले के किनारे एमडीए का रक्षापुरम सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट है, जो पूरी क्षमता से नहीं चल रहा है। अगर एसटीपी से छह कालोनियां जोड़ दी जाएं तो कसेरूखेड़ा नाले में बह रही सीवर की गंदगी से काफी हद तक मुक्ति मिल सकती है। साथ ही एसटीपी की पूरी क्षमता का सदुपयोग भी होने लगेगा। यही नहीं, जरूरत के हिसाब से रक्षापुरम एसटीपी का विस्तार भी किया जा सकता है, क्योंकि एमडीए की काफी जमीन एसटीपी के पास रिक्त पड़ी है। क्षेत्रीय पार्षद और स्थानीय लोग इसकी मांग भी कर रहे हैं।

रक्षापुरम एसटीपी की क्षमता कुल छह एमएलडी है। दो कालोनियां रक्षापुरम व मीनाक्षीपुरम इससे जुड़ी हैं। रक्षापुरम में करीब 500 मकान होंगे, जबकि मीनाक्षीपुरम में करीब 450 मकान हैं। दोनों ही कालोनियों से वर्तमान में करीब 4.50 एमएलडी सीवेज उत्सर्जित होता है। जो एसटीपी तक पहुंच रहा है। जिसका शोधन कर ट्रीटेड पानी कसेरूखेड़ा नाले में डाला जाता है। करीब डेढ़ एमएलडी क्षमता का उपयोग नहीं हो रहा है। रक्षापुरम एसटीपी के आसपास न्यू मीनाक्षीपुरम, ईशापुरम, नेहरू नगर, कसेरूखेड़ा, खटिकाना, आजाद नगर और डिफेंस कालोनी आदि हैं। जिनमें डिफेंस कालोनी ने अपना मिनी एसटीपी लगा लिया है, लेकिन शेष छह कालोनियों में अभी सीवर लाइन तक नहीं पड़ी है। जबकि न्यू मीनाक्षीपुरम में लगभग 500 मकान हैं। ईशापुरम में 400, नेहरू नगर 50, कसेरूखेड़ा 1200, खटिकाना 200, आजाद नगर 200 मकान हैं। इन कालोनियों के घरों का सीवर नालियों से बहकर कसेरूखेड़ा नाले में पहुंच रहा है। जिससे नाले के गंदे पानी की दुर्गंध से पूरे इलाके में नारकीय हालात बने हुए हैं। सीवर निस्तारण न होने से जलभराव की स्थिति भी बन रही है।

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दो साल पहले क्षेत्रीय पार्षद ने

नगर निगम में दिया था प्रस्ताव

न्यू मीनाक्षीपुरम, ईशापुरम, कसेरूखेड़ा, नेहरू नगर, खटिकाना और आजाद नगर में सीवर लाइन डालने के लिए क्षेत्रीय पार्षद विजय सोनकर ने नगर निगम में एक प्रस्ताव दिया था। पार्षद का कहना है कि उस वक्त नगर निगम अधिकारियों के निर्देश पर जल निगम ने इन कालोनियों में सीवर लाइन डालने के लिए सर्वे भी किया था। लेकिन इसके बाद आगे कोई प्रक्रिया जल निगम व नगर निगम से नहीं बढ़ी। पार्षद का कहना है कि नगर निगम व जलनिगम सीवर लाइन डालने का काम करे और एमडीए अपनी एसटीपी का विस्तार कर इन कालोनियों को जोड़ दे तो सारी समस्या का समाधान हो जाएगा। पार्षद ने कहा कि काफी पुरानी कालोनियां हैं। सीवर निस्तारण का समाधान होना चाहिए। इस संबंध में नगरायुक्त और एमडीए उपाध्यक्ष से बात की जाएगी।

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एमडीए ने जिन कालोनियों को विकसित किया है उनके लिए एसटीपी लगाए हैं। रक्षापुरम का एसटीपी भी कालोनी के उपयोग के लिए है। फिर भी यदि और कालोनियों को एसटीपी से जोड़ने का प्रस्ताव आता है तो उस पर विचार किया जा सकता है। प्रस्ताव आने पर रक्षापुरम की एसटीपी की क्षमता व लागत की शर्तों को देखा जाएगा।

-प्रवीणा अग्रवाल, सचिव, एमडीए।

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