चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे जिग्नेश ने कहा, मोदी के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे

गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी सहारनपुर में भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रधानमंत्री के खिलाफ गठजोड़ की बात कही।

By Ashu SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Sep 2018 12:18 PM (IST) Updated:Wed, 26 Sep 2018 12:19 PM (IST)
चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे जिग्नेश ने कहा, मोदी के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे
चंद्रशेखर से मिलने पहुंचे जिग्नेश ने कहा, मोदी के खिलाफ मजबूती से लड़ेंगे

मेरठ (जेएनएन)। गुजरात के विधायक जिग्नेश मेवाणी मंगलवार को भीम आर्मी संस्थापक चंद्रशेखर आजाद से मिलने के लिए सहारनपुर के छुटमलपुर स्थित उनके घर पहुंचे। मेवाणी ने आजाद के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मजबूत गठजोड़ कर लड़ाई की बात कही। उन्‍होंने कहा कि यह लड़ाई समाज से छुआछूत की बीमारी दूर करने की है। हमारा मकसद किसी को विधायक-सांसद बनाना नहीं है।

20 मिनट अकेले में बात
चार दिन के पंजाब दौरे से लौटे चंद्रशेखर से मिलने के लिए मंगलवार सुबह आसपास के लोगों का तांता लगा रहा है। अचानक गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी भी पहुंचे। वह चंद्रशेखर से गले मिले और उन्हें अपना भाई बताया। चंद्रशेखर से 20 मिनट अकेले में बात करने के बाद जिग्नेश मीडिया से रूबरू हुए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जाएगी। देश अब नए विकल्प के इंतजार में है। अनुसूचित समाज को लेकर समाज में जो छुआछूत है, कुप्रथा खत्म होने तक संघर्ष जारी रहेगा। वह इस लड़ाई में चंद्रशेखर का साथ देंगे।
व्यवस्था में परिवर्तन हो
जिग्नेश ने कहा कि व्यवस्था में परिवर्तन होना चाहिए, मगर यह जरूरी नहीं कि परिवर्तन चुनाव लड़ कर ही हो। मान्यवर कांशीराम ने देश में जगह-जगह घूम कर परिवर्तन ला दिया था। हमें कांशीराम, बाबा साहेब एवं संविधान को पढ़ना होगा। अनुसूचित समाज के हितों के लिए मैं खुद देश के बीस राज्यों में दौरा कर चुका हूं।
चंद्रशेखर की मां से लिया आशीर्वाद
विधायक जिग्नेश मेवाणी ने छुटमलपुर के छप्पर हाउस पहुंच चंद्रशेखर की मां कमलेश देवी से आशीर्वाद लिया। विश्वास दिलाया कि मैं आपके बेटे के साथ समाज के लिए हर तरह की लड़ाई में साथ खड़ा हूँ। मुझे भी अपना बेटा ही समझें।
चंद्रशेखर से की पहली मुलाकात
विधायक जिग्नेश मेवाणी ने बताया कि मैं चंद्रशेखर आजाद से तब प्रभावित हुआ था, जब वह समाज की लड़ाई के लिए खुद मैदान में आए और केंद्र व प्रदेश सरकार के खिलाफ दिल्ली में विशाल प्रदर्शन किया। मैंने इनसे मिलने की कोशिश की, लेकिन तब तक पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कई बार प्रयास किया, जेल अधीक्षक को चिठ्ठी लिखी मगर जेल प्रशासन ने मुझे चंद्रशेखर से मिलने की इजाजत नहीं दी। 

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