असम पहुंचा जमीयत का प्रतिनिधिमंडल, दरांग प्रकरण में मुख्यमंत्री से की मुलाकात, उच्च स्तरीय जांच की मांग
जमीयत उलमा ए हिंद (मौलाना महमूद मदनी गुट) व जमात ए इस्लामी हिन्द के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने असम पहुंचकर दरांग जिले में हिंसा के मामले में मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से भेंट की। कहा कि दरांग जिले में गरीब व मजदूर वर्ग पर पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की।
सहारनपुर, जागरण संवादादता। जमीयत उलमा ए हिंद (मौलाना महमूद मदनी गुट) व जमात ए इस्लामी हिन्द का संयुक्त प्रतिनिधिमंडल असम पहुंच गया है। प्रतिनिधिमंडल में शामिल नेताओं ने वहां के दरांग जिला प्रकरण पर सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा से भेंट की। उन्होंने आरोप लगाया कि गरीब लोगों पर पुलिस ने बर्बर कार्रवाई की। मामले की उच्च स्तरीय जांच और दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल जमीयत उलमा ए हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुददीन कासमी व जमात ए इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष अमीनुल हसन ने गोहाटी ने फोन पर बताया कि उन्होंने असम के मुख्यमंत्री से कहा कि दरांग जिले के धालपुर में सरकारी जमीन खाली कराने के नाम पर गरीब व मजदूर वर्ग पर पुलिस प्रशासन ने बर्बर कार्रवाई की और उन्हें बेघर कर दिया गया। हम यह आशा करते हैं कि मुख्यमंत्री निर्बल, असहाय व पीड़ितों को न्याय दिलाने में निजी तौर से सहायता करेंगे। प्रतिनिधिमंडल ने घटना की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच कराने, पुलिस कार्रवाई में मारे गए लोगों के स्वजन को बीस लाख मुआवजा और उजड़े परिवारों को बसाने की मांग की।
महमूद मदनी ने गृहमन्त्री को लिखा था पत्र
तीन दिन पूर्व जमीयत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने असम की घटना पर गृहमंत्री, मानव अधिकार आयोग और असम के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की थी।