बाल गृह में सात घंटे तक डेरा डाले रहे जांच अफसर

राजकीय बाल गृह में बालक से कुकर्म के मामले में जांच के लिए पहुंची टीम सात घंटे तक यहां डेरा डाले रही। टीम ने डीपीओ और आठ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 03 Sep 2018 02:28 PM (IST) Updated:Mon, 03 Sep 2018 02:28 PM (IST)
बाल गृह में सात घंटे तक डेरा डाले रहे जांच अफसर
बाल गृह में सात घंटे तक डेरा डाले रहे जांच अफसर

मेरठ। सूरजकुंड स्थित राजकीय बाल गृह में बालक से हुए कुकर्म के मामले में रविवार को सहारनपुर के डिप्टी सीपीओ पुष्पेंद्र सिंह जांच के लिए पहुंचे। करीब सात घंटे तक वह बालगृह में डेरा डाले रहे। इस दौरान उन्होंने डीपीओ और कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। जांच सोमवार को भी जारी रहेगी।

अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर बनी समिति

अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो सदस्यीय जांच समिति बनाने के निर्देश दिए। निदेशक पुनीत कुमार मिश्रा ने रविवार को ही डिप्टी डायरेक्टर सहारनपुर (महिला एवं बाल विकास विभाग) पुष्पेंद्र सिंह व मुख्यालय में तैनात डिप्टी डायरेक्टर बिजेंद्र सिंह निरंजन को शामिल कर समिति बना दी। पुष्पेंद्र सिंह रविवार दोपहर डेढ़ बजे राजकीय बाल गृह पहुंचे और साढ़े आठ बजे तक जांच करते रहे। उन्होंने डीपीओ श्रवण कुमार गुप्ता एवं आठ कर्मियों के बयान दर्ज किए। बाल कल्याण समिति व बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों से भी पूछताछ की गई। बाल गृह केंद्र का प्रभारी अधीक्षक अय्यूब हसन दो दिन की छुट्टी लेकर गया था, लेकिन एक माह से गायब है। जांच समिति को चार सितंबर तक रिपोर्ट आला अफसरों को देनी है।

बाल गृह में यह हुई थी घटना

राजकीय बाल गृह में रहने वाले एक बालक से संविदाकर्मी जावेद अंसारी कई दिनों से कुकर्म कर रहा था। 21 अगस्त को रुटीन जांच में मजिस्ट्रेट के संज्ञान में यह मामला आया। गत 23 अगस्त को आरोपित के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर नौचंदी पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। आरोपित संविदाकर्मी की सेवा भी समाप्त कर दी गई है। इस मामले में केंद्र प्रभारी अय्यूब हसन को भी नामजद किया गया है।

मीडिया पहुंचने पर लाइट बंद

मीडियाकर्मी जैसे ही बालगृह पहुंचे तो स्टाफ के सदस्यों ने बाहर की लाइट बंद कर दी। बरामदे में लगे पंखे भी बंद कर दिए गए। मीडियाकर्मियों के विरोध पर ही लाइट जलाई गई।

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