सीएचसी प्रभारी सहित तीन पर जांच, एक निलंबित..सीएमओ व डिप्टी सीएमओ पहुंचे सरधना

सीएमओ डा. अखिलेश मोहन डिप्टी सीएमओ डा. सुधीर कुमार सहित अन्य चिकित्सक शुक्रवार शाम थाने जा पहुंचे जहां राखी के स्वजन व ग्राम प्रधान और ग्रामीणों से वार्ता कर पांच लाख की मदद व शनिवार यानि आज पचास हजार रुपये देने का आश्वासन दिया।

By JagranEdited By: Publish:Sat, 25 Sep 2021 03:33 AM (IST) Updated:Sat, 25 Sep 2021 03:33 AM (IST)
सीएचसी प्रभारी सहित तीन पर जांच, एक निलंबित..सीएमओ व डिप्टी सीएमओ पहुंचे सरधना
सीएचसी प्रभारी सहित तीन पर जांच, एक निलंबित..सीएमओ व डिप्टी सीएमओ पहुंचे सरधना

मेरठ, जेनएएन। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन, डिप्टी सीएमओ डा. सुधीर कुमार सहित अन्य चिकित्सक शुक्रवार शाम थाने जा पहुंचे, जहां राखी के स्वजन व ग्राम प्रधान और ग्रामीणों से वार्ता कर पांच लाख की मदद व शनिवार यानि आज पचास हजार रुपये देने का आश्वासन दिया। साथ ही सीएचसी प्रभारी डा. अमित त्यागी, डा. शशि, डा. शशिकांत के खिलाफ उच्चस्तरीय टीम गठित कर जांच बैठा दी। हालांकि, विरोध के चलते काउंसलर नीतू सिंह को निलंबित कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि एक सप्ताह में आíथक मदद व चिकित्सक पर कार्रवाई नहीं की तो वे धरना-प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे।

चिकित्सकों पर अन्य अस्पताल में उपचार करवाने का आरोप

स्वजन ने बताया कि जब राखी मेडिकल में भर्ती थी। आरोप है कि गुरुवार शाम को सीएचसी से एक महिला ने फोन कर कहा कि दूसरे अस्पताल में उपचार करा लीजिए। इसका पूरा खर्च सीएचसी देगा, लेकिन स्वजन ने इंकार दिया।

गुरुवार शाम एक ओर महिला की बिगड़ी हालत

दीपक कुमार पुत्र बीर सिंह निवासी सलावा का आरोप है कि वह अपनी पत्नी रेनू की डिलीवरी को आशा कार्यकर्ता ममता के कहने पर गुरुवार को सीएचसी में भर्ती करवाया था। उस समय चिकित्सकों ने कहा था कि नार्मल डिलीवरी होगी। आरोप है कि शाम को हालत खराब बताकर नार्मल डिलेवरी से इन्कार कर दिया। इस पर वह जैन मिलन अस्पताल में ले गया। वहां पर आरोपित स्टाप की लापरवाही से बच्चेदानी फट गई। अस्पताल के मैनेजर गौरव साहब ने बताया कि उनके स्वजन नार्मल डिलीवरी का दबाव बना रहे थे, जबकि डिलीेवरी का समय निकल चुका था। सभी आरोप बेबुनियाद है। पहले ही सब स्पष्ट कर दिया था। सीएमओ डा. अखिलेश मोहन ने बताया कि मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। उधर, सीएचसी प्रभारी डा. अमित त्यागी ने बताया कि मामला संज्ञान में नहीं है

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