INTERVIEW: जॉली एलएलबी-2 के अभिनेता इनामुल बोले- कोरोना काल जैसी मुश्किलों में ताकत देता है परिवार

एयरलिफ्ट नक्काश और जॉली एलएलबी-2 जैसी चर्चित फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके फिल्म अभिनेता इनामुल हक कोरोना काल के चलते इन दिनों अपने घर सहारनपुर में हैं। उनसे बातचीत में कहा कि बहुत इस जंग में अपनों का साथ ही सबसे बड़ी ताकत है।

By Himanshu DwivediEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 08:51 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 08:51 AM (IST)
INTERVIEW: जॉली एलएलबी-2 के अभिनेता इनामुल बोले- कोरोना काल जैसी मुश्किलों में ताकत देता है परिवार
बॉलीवुड एक्‍टर इनामुल हक इन ि‍दिनों सहारनपुुुर में परिवार के साथ हैं।

[अश्वनी त्रिपाठी] सहारनपुर। एयरलिफ्ट, नक्काश और जॉली एलएलबी-2 जैसी चर्चित फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके फिल्म अभिनेता इनामुल हक कोरोना काल के चलते इन दिनों अपने घर सहारनपुर में हैं। उनसे बातचीत का सिलसिला शुरू हुआ तो उन्होंने कहा कि बहुत कठिन है यह कोरोना काल, लेकिन इस जंग में अपनों का साथ ही सबसे बड़ी ताकत है। दोहरी भूमिका है, अपनों के साथ रहना और अपनों का ख्याल रखना। कोरोना काल जैसी मुश्किलों में परिवार व अपनों का साथ बड़ी ताकत देता है। फिल्मों के सितारे भी इंसान ही हैं, उनकी भी जिंदगी आम आदमी जैसी ही है। इन दिनों सहारनपुर में पैतृक घर आया हूं क्योंकि यह शहर मुङो हर चुनौती से निपटने की ताकत देता है। अभिनेता इनामुल हक कहते हैं, हम पास होते हैं तो हमारे अपनों की चिंताएं भी कम रहती हैं। जब से कोरोना का प्रकोप आया, मेरा परिवार मुंबई से सहारनपुर ही आ गया। इन दिनों आनलाइन क्लास चल रही हैं इसलिए बेटे इवान की पढाई भी बाधित नहीं होती। मुङो जल्द आ रही वेब सीरीज महारानी की शूटिंग के लिए मुंबई जाना पड़ा था, अब लौटकर घर आ गया हूं।

जो पहले नहीं कर पाताथा, अब कर रहा हूं

अभिनेता इनामुल हक के ससुर प्रख्यात रंगकर्मी सरदार अनवर और मां नूर इलाही का इसी कोरोनाकाल में निधन हो गया। दो मौतों से परिवार सदमे में है। इनामुल हक कहते हैं, बड़े चुनौतीपूर्ण दिन हैं। सभी लोग घरों में ही रहते हैं। सुबह टहलने के बाद प्रोटीन, विटामिन-सी युक्त भोजन लेता हूं। इबादत के बाद बच्चों को समय देता हूं। रात में जल्दी सोने की कोशिश करता हूं। सामान्य दिनों में जो कुछ नहीं कर पाता था, अब करने की कोशिश कर रहा हूं। इसी बीच कुछ दिन पहले अकेले ही मोटरसाइकिल से उतराखंड चला गया। वहां हरिद्वार व दूसरी जगहों पर गंगा किनारे बैठा काफी कुछ सोचता रहा। मेरा मानना है कि इस कोरोना काल ने हमें आत्ममंथन, आत्मचिंतन का मौका दिया है।

सोचता हूं कि अब तक जो कुछ किया है उससे क्या पाया, क्या खोया। हमें बहुत कुछ सीखने को मिल रहा है। एक-दूसरे का दुख-सुख समझना, साथ रहना, संयमित रहना, इन सबकी जरूरत इस कठिन समय में ज्यादा ठीक से समझ में आती है। मुङो लिखने का शौक है तो अपने विचारों को लिखता भी रहता हूं। किताबें पढता हूं और आनलाइन फिल्में देखता हूं। अपनी फिल्मों के चयन को लेकर हमेशा गंभीर रहने वाले इनामुल हक को सामाजिक सरोकारों से जुड़ी फिल्मों में काम करना बेहद पसंद है, फिल्म की स्क्रिप्ट पर उनका खास फोकस होता है। इस साल फिल्मों की संख्या बढ़ाने का विचार था उनका, लेकिन कोरोना के कारण अब स्थितियां बदल गई हैं। 

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