सड़कों पर उतरे अधिकारी सचेत रहने के दिए निर्देश

लाकडाउन के दौरान एडीजी के साथ अफसर सड़कों पर निकले।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 19 Apr 2021 12:45 AM (IST) Updated:Mon, 19 Apr 2021 12:45 AM (IST)
सड़कों पर उतरे अधिकारी सचेत रहने के दिए निर्देश
सड़कों पर उतरे अधिकारी सचेत रहने के दिए निर्देश

मेरठ,जेएनएन। लाकडाउन के दौरान एडीजी के साथ अफसर सड़कों पर निकले। घंटाघर, बेगमपुल, बच्चा पार्क और हापुड़ अड्डे का निरीक्षण किया। अफसरों ने माइक के जरिए लोगों से घरों में रहने की अपील की।

रविवार को पूर्ण लाकडाउन के दौरान लोगों ने भी पूरा सहयोग किया। बाजार बंद थे तो सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। दोपहर में एडीजी राजीव सभरवाल, एसपी सिटी विनीत भटनागर, एसपी ट्रैफिक जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव के साथ ही सीओ भी मौजूद थे। अफसरों ने घंटाघर, बेगमपुल, बच्चा पार्क और हापुड़ अड्डे का निरीक्षण किया। सड़क पर चलते हुए सीओ और थाना पुलिस लोगों से घरों में रहने की अपील कर रही थी। साथ ही हापुड़ अड्डा, बेगमपुल और तेजगढ़ी चौराहे पर माइक के जरिये भी जागरूक किया जा रहा था। अफसरों ने पुलिसकर्मियों को भी सचेत रहकर जिम्मेदारी निभाने के लिए कहा। हापुड़ अड्डे पर दिखी चेकिग

चुनावी ड्यूटी के चलते सड़कों पर फोर्स कम दिखाई दी। बावजूद इसके लाकडाउन का असर दिखाई दिया। हापुड़ अड्डे पर सीओ कोतवाली अरविद चौरसिया चेकिग करते दिखे, तो सीओ सिविल लाइन भी माइक के जरिए बेवजह सड़क पर घूम रहे लोगों को टोकते दिखे। इसके अलावा एएसपी कैंट और सीओ ब्रह्मापुरी ने भी निरीक्षण किया। सुबह से रात तक दौड़ते रहे अफसर

लाकडाउन को सफल बनाने के लिए अफसर सुबह से लेकर रात तक दौड़ते रहे। सुबह जहां एडीजी सड़क पर निकले थे, वहीं शाम को एसएसपी ने मोर्चा संभाला। उन्होंने पूरे शहर का निरीक्षण किया। इसके बाद रात को एसपी सिटी घूमे। सीओ और थाना प्रभारी ने भी रात में गश्त की। उधर, लाकडाउन के दौरान 521 लोगों के मास्क नहीं पहनने के चालान हुए। साथ ही 99 लोगों के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई। सालभर बाद फिर दिखे सुनसान रास्ते

एक साल पहले जब कोरोना के चलते लाकडाउन लगा था, तब भी सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ था। सब कुछ बंद था। लोग घरों में कैद थे। इस बार भी लोगों ने पूरा सहयोग किया। शनिवार रात आठ बजे से सोमवार सुबह सात बजे तक 35 घंटे के संपूर्ण लाकडाउन के दौरान रविवार के नजारे ने एक साल पहले की यादें ताजा करी दीं। मुख्य चौराहों से लेकर बाजार तक बंद थे। दूर-दूर तक कोई नहीं था। हालांकि कुछ लोग बेवजह बाहर निकले तो उनका पुलिस से सामना हुआ और कार्रवाई झेलनी पड़ी।

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