कार्रवाई करने के बजाय दो दिन की छुट्टी पर गए इंस्पेक्टर

सरधना विधायक संगीत सोम के प्रतिनिधियों द्वारा हेड कांस्टेबल की पिटाई के मामले म

By JagranEdited By: Publish:Mon, 09 Aug 2021 02:15 AM (IST) Updated:Mon, 09 Aug 2021 02:15 AM (IST)
कार्रवाई करने के बजाय दो दिन की छुट्टी पर गए इंस्पेक्टर
कार्रवाई करने के बजाय दो दिन की छुट्टी पर गए इंस्पेक्टर

मेरठ,जेएनएन। सरधना विधायक संगीत सोम के प्रतिनिधियों द्वारा हेड कांस्टेबल की पिटाई के मामले में कार्रवाई करने के बजाय इंस्पेक्टर दो दिन की छुट्टी पर चले गए। इधर, गिरफ्तारी वाली धाराओं में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद भी जांच की बात कही जा रही है।

बुधवार को सरधना के अकलपुरा गांव में ठाकुर बिरादरी के लोगों की गन्ने की फसल बांधने से अनुसूचित समाज के लोगों ने मना कर दिया था। दो वर्गों में उपजे विवाद की सूचना पर सरधना थाने की सलावा चौकी से पुलिसकर्मी अकलपुरा गांव में ज्ञान सिंह के घर पर गए थे, जहां भाजपा विधायक संगीत सोम के प्रतिनिधि शेखर उर्फ चंद्रशेखर निवासी कुशावली गांव और विनोद निवासी राधना ने हेड कांस्टेबल दीपपाल से मारपीट की थी। हेड कांस्टेबल ने उनके खिलाफ मारपीट, जान से मारने की धमकी और सरकारी कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया था। मामला रविवार को सुर्खियों में आया तो कार्रवाई के बजाय इंस्पेक्टर दो दिन की छुट्टी लेकर चले गए। चर्चा है कि कार्रवाई करने पर उन पर गाज गिर सकती थी, जिसके चलते उन्होंने अवकाश पर जाना बेहतर समझा। दोनों आरोपित गांव में घूम रहे हैं। एसपी देहात केशव कुमार का कहना है कि फिलहाल मामले की विवेचना चल रही है। पूरी जानकारी जुटाने और सभी के बयान दर्ज करने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।

विवादों से रहा है पुराना नाता

विधायक प्रतिनिधि शेखर का विवादों से पुराना नाता है। गत मार्च में ऊर्जा निगम के अवर अभियंता से पिटाई का मामला भी सामने आया था। तब भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इसके अलावा जमीन पर कब्जा करने का आरोप भी लग चुका है। एक वीडियो भी वायरल हुई थी, जिसमें वह पुलिस से अभद्रता करते दिख रहे थे।

..तो रासुका तक लग सकती है

वरिष्ठ अधिवक्ता अनिल बक्शी ने बताया कि ड्यूटी के दौरान पुलिसकर्मी को पीटना गंभीर मामला है। रासुका का भी प्रावधान है। शासन, बोर्ड या फिर हाईकोर्ट से भी उसकी स्वीकृति हो जाती है, क्योंकि इस तरह की घटनाओं से लोक व्यवस्था भंग होती है। उन्होंने बताया कि पूर्व में मेरठ कालेज के एक प्रोफेसर के साथ मारपीट में तीन लोगों पर रासुका लगी थी। गाजियाबाद जिले में एक सरकारी अधिकारी से अभद्रता पर अधिवक्ता पर भी रासुका के तहत कार्रवाई हो चुकी है। रही बात मारपीट, धमकी देना और सरकारी कार्य में बाधा डालने की तो आरोपितों की गिरफ्तारी भी बनती है।

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