मेरठ में मारपीट के मुकदमे में धारा बढ़ाने के लिए मांगी 1 लाख की रिश्वत, दारोगा व चौकी इंचार्ज निलंबित
मारपीट के मुकदमे में बिना मेडिकल रिपोर्ट के ही जानलेवा हमले की धारा बढ़ाने के मामले में दोनों दारोगा को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ रकम वसूली की शिकायत भी आई है। इसकी जांच बैठा दी गई है।
जागरण संवाददाता, मेरठ। भ्रष्टाचार पर वार करते हुए एसएससी प्रभाकर चौधरी ने चौकी इंचार्ज और दारोगा को सस्पेंड कर दिया है। चौकी इंचार्ज ने मुकदमे में जानलेवा हमले की धारा बढ़ाने के लिए एक लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी, वहीं दारोगा ने 20 हजार की रकम वसूली थी।
किठौर के शाहजहांपुर में डेढ़ माह पहले दो पक्षों में मारपीट हो गई थी। पीड़ित पक्ष की तरफ से मुकदमे में जानलेवा हमले की धारा 307 आइपीसी बढ़ाने के लिए चौकी इंचार्ज शाहजहांपुर हरिभान से संपर्क किया गया। हरिभान ने पीड़ित पक्ष से मुकदमे में धारा बढ़ाने के लिए एक लाख की मांग की। पीड़ित पक्ष ने चौकी इंचार्ज से हुई बातचीत को अपने मोबाइल में रिकार्ड कर लिया। चौकी इंचार्ज ने दारोगा उदयवीर को रकम वसूलने के लिए पीड़ित पक्ष के पास भेजा दिया।
पीड़ित पक्ष ने उदयवीर को 20 हजार की रकम देते हुए रिकाìडग कर ली। दोनों दारोगा की रिकाìडग पीड़ित पक्ष ने एसएसपी के वाट्सएप नंबर पर भेज दी। एसएसपी ने आडियो रिकाìडग के आधार पर दोनों दारोगा की एसपी देहात से जांच कराई। एसपी देहात की जांच में आरोप सही पाए गए, जिस पर एसएसपी ने कार्रवाई करते हुए दोनों दरोगा को निलंबित कर दिया। साथ ही उनके महंगाई भत्ते पर भी रोक लगा दी गई है। जांच के दौरान दोनों दारोगा जनपद छोड़कर बाहर नहीं जा सकेंगे।
एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा: मारपीट के मुकदमे में बिना मेडिकल रिपोर्ट के ही जानलेवा हमले की धारा बढ़ाने के मामले में दोनों दारोगा को निलंबित कर दिया गया है। उनके खिलाफ रकम वसूली की शिकायत भी आई है। इसकी जांच बैठा दी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मुकदमा भी दर्ज कराया जा सकता है।