तीसरी बेटी होने पर विवाहिता को घर से निकाला
तीसरी बेटी होने पर ससुराल वालों ने शर्त रखी कि अगर बहू के भाई ने बच्चियों के नाम पर एफडी नहीं कराई तो उसे घर से निकाल देंगे।
मेरठ, जेएनएन। तीसरी बेटी होने पर ससुराल वालों ने शर्त रखी कि अगर बहू के भाई ने बच्चियों के नाम पर एफडी नहीं कराई तो उसे घर से निकाल देंगे। यह शब्द सुनकर विवाहिता अवाक रह गई। उसने भाई को यह जानकारी दी। आर्थिक समस्या की वजह से एफडी नहीं हो सकी। इस वजह से पति ने उसे कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराने के बाद घर से निकाल दिया।
लिसाड़ी गेट के तारापुरी निवासी नूर मोहम्मद ने लिसाड़ी गेट थाने में तहरीर देकर बताया कि उसने अपनी बहन शबनम की शादी पांच वर्ष पूर्व खैरनगर निवासी शाहिद से की थी। शाहिद व उसके स्वजन को पहली संतान बेटा चाहिए था। लेकिन शबनम के बेटी हो गई। इस वजह से ससुराल वालों ने बहन को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। उनके समझाने पर वह मायके में आ गई। कुछ समय बाद दूसरी संतान भी बेटी हो गई। इसके बाद से ससुराल वालों ने और प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। कलह बढ़ने पर दोनों परिवारों के बीच पंचायत हुई। पंचों के कहने पर शबनम पति के साथ रहने के लिए तैयार हो गई। कुछ दिन तक सब ठीक चला। शबनम ने एक माह पहले तीसरी बेटी को जन्म दिया। इसपर शाहिद व उसके स्वजन बौखला गए। उन्होंने नूर मोहम्मद से तीनों बच्चियों के नाम पर तीन-तीन लाख रुपये की एफडी यानी सावधि जमा कराने की शर्त रखी। लेकिन वह एफडी नहीं करा सका। आरोप है कि इसी वजह से शाहिद ने कोरे कागज पर हस्ताक्षर कराकर शबनम को घर से निकाल दिया।
सीओ कोतवाली अरविंद चौरसिया का कहना है कि दोनों पक्षों को थाने बुलाया गया है। दंपती की काउंसिलिंग कराई जाएगी। इसके अलावा विवाहिता ने जो आरोप लगाए हैं, उस पर भी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।