ठंड से बचाव को पहल.. नपा ने खोला रैन बसेरा
मवाना में ठंड को मद्देनजर रखते हुए नगर पालिका ने गुरुवार को तहसील रोड स्थित भीमराव आंबेडकर सामुदायिक भवन में बने रैन बसेरा के द्वार खोलते हुए व्यवस्था दुरुस्त कर दी हैं। रैन बसेरे का चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने फीता काटकर उदघाटन किया।
मेरठ, जेएनएन। मवाना में ठंड को मद्देनजर रखते हुए नगर पालिका ने गुरुवार को तहसील रोड स्थित भीमराव आंबेडकर सामुदायिक भवन में बने रैन बसेरा के द्वार खोलते हुए व्यवस्था दुरुस्त कर दी हैं। रैन बसेरे का चेयरमैन मोहम्मद अय्यूब ने फीता काटकर उदघाटन किया।
ठंड से रात्रि में निराश्रित एवं मुसाफिरों के लिए तहसील रोड स्थित आंबेडकर सामुदायिक भवन में रैन बसेरा बनाया हुआ है। गुरुवार को पालिका चेयरमैन मोहम्मद मोहम्मद अय्यूब ने रैन बसेरा का फीता काटा। ईओ सुनील कुमार ने बताया कि डीएम के आदेश पर पालिका द्वारा आज रैन बसेरा निराश्रित एवं असहायों के बचाव के लिए खोल दिया गया है। रैन बसेरे में महिला व पुरुषों के लिए अलग-अलग व्यवस्था है। कोविड से बचाव के लिए रैन बसेरे में निवास करने से पूर्व जांच के लिए थर्मल स्केनर, हाईपो प्लस मीटर व सैनेटाइजर की व्यवस्था की गई है।
बादलों के बीच बूंदाबांदी ने बढ़ाई ठंड
मौसम में आए परिवर्तन और आसमान में छाए बादलों के बीच गुरुवार शाम बूंदाबादी ने ठंड बढ़ा दी। वहीं, पूरे दिन सूर्यदेव के दर्शन न होने पर आगे भी ऐसी ही स्थिति बने रहने की संभावना है।
मौसम विभाग ने समुद्री विक्षोभ के चलते उत्तर भारत में बूंदाबांदी की संभावना जताई थी। गत दिवस पहली दिसंबर को आसमान में बादल छा गए और गुरुवार को ये और गहरा गए। शाम होते-होते बूंदाबादी शुरू हो गई। जिसके चलते ठंड बढ़ गई और रात सर्द हो गई। ज्यादा बारिश होने पर यह ठंड बढ़ेगी।
ज्यादा बारिश हुई तो गेहूं की बुआई पिछड़ेगी
गेहूं की बुआई इस समय चरम पर है लेकिन बूंदाबांदी से यह बुआई पिछड़ेगी। खेतों में नमी बढ़ने से जुताई प्रभावित होगी तो बुआई भी प्रभावित होगी।
बूंदाबांदी से बढ़ी ठंड
सरधना : कस्बा व देहात क्षेत्र के गांवों में गुरुवार को बूंदाबांदी हुई, जिससे ठंड बढ़ गई और लोग जरूरत पड़ने पर ही घर से बाहर निकले। उधर, बाजारों में व्यापारी भी दुकान अपने प्रतिष्ठान बंद कर घर चले गए।
गुरुवार सुबह से ही बादल छाए हुए थे। अचानक मौसम ने करवट ली और दोपहर को बूंदाबांदी शुरू हो गई। यह सिलसिला शाम तक रुक-रुककर चलता रहा। जिससे ठंड बढ़ गई और सड़कों पर भी सन्नाटा पसर गया।