इंद्र का डोला सिंहासन, नारद ने दिया श्राप, शामली के कैराना में रामलीला मंचन का शुभारंभ

शामली के कैराना में आयोजित रामलीला में कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों का मन मोह लिया। रामलीला में शंकर भगवान के गण नारद जी के मुंह और मस्तक पर रंग लगाकर उनका वानर का रूप बना देते हैं।

By Prem Dutt BhattEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 05:18 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 05:18 PM (IST)
इंद्र का डोला सिंहासन, नारद ने दिया श्राप, शामली के कैराना में रामलीला मंचन का शुभारंभ
शामली के कैराना में रामलीला का मंचन करते कलाकार

शामली, जागरण संवाददाता। कैराना नगर में रामलीला महोत्सव मंचन का शुभारंभ नारद लीला से किया गया। मंचन में दिखाया गया कि नारद जी चारों लोक के चक्कर काट रहे थे। रास्ते में हिमगिरी पर्वत पर उनकी इच्छा हुई कि वो इस शांत स्थान पर तपस्या करें। वह ध्यानमग्न होकर समाधि में बैठ गए। यह जानकारी स्वर्ग के राजा इंद्र को हुई तो वह बेहद परेशान हुए और उनका सिंहासन डोलने लगा।

सिंहासन डोलने के बाद वह अपने सेवक कामदेव और रंभा आदि परियों को नारद जी की तपस्या भंग करने के लिए भेजते हैं। लेकिन कामदेव नारद जी की तपस्या भंग नहीं कर पाते हैं और नारद जी से क्षमा मांगते है। इसी दौरान रंभा आदि परियां भी नारद जी की तपस्या को भंग नहीं कर पाते हैं। जिससे उत्साहित होकर नारद जी अपना वृत्तांत बताने के लिए कैलाश पर्वत पर भगवान शंकर के पास जाते हैं। भगवान शंकर नारद जी की इच्छाशक्ति देख उनके पीछे दूत के तौर पर अपने दोनों गणों को भेज देते हैं। उसके उपरांत नाराज नारद जी अपने पिता ब्रह्माजी और विष्णु भगवान के पास जाकर अपने यश को फैलाते हैं। विष्णु भगवान के आदेश पर शील निधि राजा अपनी पुत्री विश्वमोहिनी के स्वयंवर के लिए मुनादी कराते हैं। जिसमें नारद जी भी आते हैं। इससे पूर्व नारद जी शीलनिधि की पुत्री विश्वमोहिनी का हाथ देखकर बताते हैं कि वह बहुत ही भाग्यशाली हैं। स्वयंवर में नारद जी काफी प्रयास करते हैं परंतु विश्वमोहिनी चुपचाप विष्णु भगवान को माला डाल देती हैं। नारद जी बहुत क्रोधित होते हैं।

नारद जी ने दिया गणों को श्राप

शंकर भगवान के गण नारद जी के मुंह और मस्तक पर रंग लगाकर उनका वानर का रूप बना देते हैं। क्रोधित नारद जी को जब यह पता लगता है तो वह अत्यंत क्रोधित हो जाते हैं और शंकर भगवान के गणों को श्राप देते हैं कि 'तुम अगली बार राक्षस बनोगे और जो आपने आज मेरा वानर रूप बनाया है। यही वानर तुम्हारे अंत का कारण बनेंगे और क्रोधित हो कर चले जाते हैं। नारद जी विष्णु भगवान पर भी काफी क्रोधित होते हैं और उन्हें भी श्राप देते हैं कि जिस प्रकार में पत्नी के वियोग में तड़प रहा हूं अगले जन्म में तुम भी उसी प्रकार पत्नी के वियोग में तड़पोगे।

कलाकारों के अभिनय की हुई प्रशंसा

हिमगिरी पर्वत और कैलाश पर्वत की बहुत ही सुंदर झांकियो का दृश्य डायरेक्टर सुनील कुमार टिल्लू और पदम सेन नामदेव के द्वारा प्रस्तुत किया गया। दर्शकों ने कलाकारों के अभिनय की प्रशंसा की। नारद का अभिनय अनिल कुंगरवाल, नट का अभिनय अरविंद मित्तल, नटनी और गण का अभिनय राकेश, विष्णु भगवान का अभिनय सतीश प्रजापत, लक्ष्मी जी का अभिनय शिवम गोयल, शील निधि का अभिनय वरुण कोशिक, गण का अभिनय आशु गर्ग, कामदेव का अभिनय सागर मित्तल, रंभा आदि परियों का अभिनय सनी और धीरू, इंद्र का अभिनय प्रमोद गोयल, शंकर भगवान का अभिनय सोनू कश्यप ने किया। इससे पूर्व रामलीला मंचन के शुभारंभ पर भाजपा युवा नेता मानस सिंघल कोतवाली प्रभारी प्रेमवीर सिंह राणा एवं व्यापारी नेता अंकित गोयल ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया कार्यक्रम के दौरान पंडित वीरेंद्र कुमार वशिष्ठ अतुल गर्ग डॉक्टर राम कुमार गुप्ता पुनीत गोयल अभिषेक गोयल अंकित जिंदल राजेश नामदेव विजय नारायण तायल राकेश वर्मा आदि मौजूद रहे। सुरक्षा की दृष्टिगत से भारी पुलिस बल तैनात रहा। नगर पालिका परिषद कैराना की ओर से विशेष सफाई अभियान और फागिंग कराई गई।

chat bot
आपका साथी