Fight Against COVID-19 : अदृश्य दुश्मन से जंग को तैयार भारतीय सेना, देशभर में जुटाई पूर्व डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ की जानकारी
देश में कोरोना के दिन-ब-दिन खराब होते हालात के मद्देनजर भारतीय सेना ने आपात स्थिति के लिए कमर कस ली है ताकि भारत सरकार के बुलावे पर अविलंब सेवा शुरू कर सकें। सेना ने अपनी मेडिकल कोर (एएमसी) को सभी संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए हैं।
मेरठ, [अमित तिवारी]। देश में कोरोना के दिन-ब-दिन खराब होते हालात के मद्देनजर भारतीय सेना ने आपात स्थिति के लिए कमर कस ली है, ताकि भारत सरकार के बुलावे पर अविलंब सेवा शुरू कर सकें। सैन्य अस्पतालों के अलावा देश के कुछ हिस्सों में संचालित डीआरडीओ अस्पतालों में भी सेना का वर्तमान मेडिकल स्टाफ कोविड मरीजों की देखभाल कर रहा है। अब सेना ने अपनी मेडिकल कोर (एएमसी) को सभी संसाधनों के साथ तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। मेडिकल कोर के पूर्व डाक्टर व नर्सिंग स्टाफ की जानकारी भी देशभर से एकत्र की गई है। पश्चिम यूपी सब-एरिया के अंतर्गत भी मेडिकल कोर के पूर्व अफसरों व जवानों का विवरण एकत्र कर सेना मुख्यालय भेजा गया है।
जो जहां है, वहीं से देंगे सेवाएं
सैन्य छावनियों के अंतर्गत सभी जगह पूर्व सैनिकों की समस्याओं व जरूरतों का निस्तारण करने के लिए कर्नल वेटरन नियुक्त किए जाते हैं, जिनके जरिए मेडिकल कोर के पूर्व अफसरों व नर्सिंग स्टाफ की जानकारी एकत्र की गई है। इसमें पूर्व सैनिक संगठन का भी योगदान रहा है। एएमसी के सेवानिवृत्त सभी डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ की सेवाएं उनकी सुविधा के अनुरूप आसपास क्षेत्रों में ली जाएंगी। विकट परिस्थितियों में चिकित्सकीय सेवा का अनुभव रखने वाले कोर के डाक्टर और नर्सिंग स्टाफ को आपात स्थिति में कोविड उपचार में शामिल किया जाएगा।
हर क्षेत्र में पहुंचाई चिकित्सा
सेनाओं को युद्ध एवं शांति काल में देश-विदेश में और दुर्गम इलाकों में चिकित्सा सेवा पहुंचाने का एएमसी का गौरवशाली इतिहास है। कोर 2013 में उत्तराखंड में बाढ़ और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आम नागरिकों की सेवा में अग्रणी थी। इसके चिकित्सक, परिचारिका और पैरामेडिकल स्टाफ सशस्त्र सेनाओं में तैनात हैं। यह इंटर सर्विस संगठन है जिसमें तकरीबन 13,200 चिकित्सक, परिचारिका अधिकारी, पैरामेडिकल और करीब एक लाख सिविल स्टाफ देशभर में कार्यरत हैं।
256 साल का गौरवशाली इतिहास
एएमसी के गठन को 256 साल पूरे हो चुके हैं। पिछले माह तीन अप्रैल को 257वां स्थापना दिवस था। चिकित्सा कोर की स्थापना एक जनवरी 1764 को बंगाल मेडिकल सर्विस के नाम से हुई थी। 1943 में इसे इंडियन आर्मी मेडिकल कोर के नाम से स्थापित किया गया। इस कोर को तीन अप्रैल 1943 को तीन सेवाओं, इंडियन मेडिकल सर्विस, इंडियन मेडिकल डिपार्टमेंट और इंडियन हास्पिटल कोर को समेकित करके बनाया गया। आजादी के बाद नाम बदलकर आर्मी मेडिकल कोर किया गया।