अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए प्राणायाम और मधुमेह और कोरोना से करें बचाव, जानें-मेरठ के योग गुरु की राय
मेरठ में योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज के अनुसार हमें अपनी दिनचर्या को हर हाल में नियमित करना ही होगा। अन्यथा शरीर व्याधियों का घर बन जाएगा। कुछ प्राणायाम और आसन करने से मधुमेह नहीं होता है। अगर हो भी गया तो जल्द ठीक भी हो जाता है।
मेरठ, जेएनएन। इनदिनों मधुमेह यानी शुगर की बीमारी तेजी से फैल रही है। शारीरिक श्रम न करने, तनाव भरा जीवन, अस्त व्यस्त जीवन शैली, फास्ट फूड के चलते यह बीमारी युवाओं को अपना शिकार बना रही है। एक बार मधुमेह जैसी बीमारी हो गई तो यह कई बीमारियों को पैदा कर देती है। कोरोना के समय में मधुमेह से पीड़ित लोगों की समस्या सबसे अधिक दिखी है। जबकि दिनचर्या में कुछ योग और प्राणायाम को शामिल करके इस बीमारी से बचा भी जा सकता है।
यह बताया योग गुरु ने
योग गुरु स्वामी कर्मवीर महाराज के अनुसार हमें अपनी दिनचर्या को हर हाल में नियमित करना ही होगा। अन्यथा शरीर व्याधियों का घर बन जाएगा। कुछ प्राणायाम और आसन करने से मधुमेह नहीं होता है। अगर हो भी गया तो जल्द ठीक भी हो जाता है। स्वामी कर्मवीर बताते हैं कि मृदु कपालभाति, तड़ागी मुद्रा, उड्डयान बंध, अग्निसार क्रिया के साथ वज्रासन, मंडूकासन, सुप्तवज्रासन, नौकासन, पवनमुक्तासन, भुजंगासन, गोमुखासन का अभ्यास करने से मधुमेह की बीमारी नहीं होगी।
ऐसे करें कपालभाति प्राणायाम
मृदु कपालभाति प्राणायाम का अभ्यास पांच मिनट से लेकर 20 मिनट तक किया जा सकता है। इसका अभ्यास धीमी गति से करते हैं। पद्यासन, सुखासन की अवस्था में बैठकर यह प्राणायाम किया जा सकता है। इसमें सांस को सहज भाव से फेफड़ों में भरते हैं। फिर छोड़ते हैं। जिस समय सांस को बाहर छोड़ा जाता है, उस समय सांस में आवाज आनी चाहिए। जब आवाज के साथ सांस को बाहर निकालते हैं तो उस समय पेट अंदर की ओर जाएगा। स्वामी कर्मवीर महाराज का कहना है कि इस प्राणायाम के करने से लीवर, किडनी, आंतों पर दबाव बनता है। इससे रक्त का संचार होता है। कब्ज, गैस, मधुमेह और चर्म रोग से भी यह प्राणायाम बचाता है। कोरोनाकाल में योग करने के अनेकों लाभ हैं। स्वस्थ शरीर के साथ मन भी स्वस्थ रहता है।