दो दिनों में बद्दो की कोठी का 70 फीसद हिस्सा ही टूट पाया
ढाई लाख के इनामी कुख्यात बदन सिंह बद्दो की कोठी पर कानून का हथौड़ा दूसरे दिन भी चला। शुक्रवार को एमडीए और पुलिस-प्रशासन का ढीला रवैया देखने को मिला।
मेरठ, जेएनएन। ढाई लाख के इनामी कुख्यात बदन सिंह बद्दो की कोठी पर कानून का हथौड़ा दूसरे दिन भी चला। शुक्रवार को एमडीए और पुलिस-प्रशासन का ढीला रवैया देखने को मिला। पूरे दिन में कोठी का दस फीसदी हिस्सा ही मजदूर तोड़ पाए। अब कोठी के 30 फीसदी हिस्से को तोड़ने में एमडीए को मशक्कत करनी पड़ेगी। दरअसल, कोठी के चारों तरफ मलबा होने की वजह से बुलडोजर चल नहीं पाया। मलबा हटाने के बाद ही पूरी कोठी को तोड़ा जा सकेगा।
टीपीनगर थाना क्षेत्र के पंजाबीपुरा मोहल्ला निवासी बदन सिंह बद्दो 28 मार्च 2019 से फरार है। जिसके चलते हाईकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई। तब पुलिस ने बदन सिंह बद्दो पर कार्रवाई करनी शुरू की। पहले बद्दो के घर की कुर्की की गई, फिर उस पर गैंगस्टर लगाई। गुरुवार को कोठी पर बुलडोजर चला दिया। एक ही दिन में कोठी का 60 फीसदी हिस्सा तोड़ दिया गया। शुक्रवार सुबह 11 बजे से फिर से दो बुलडोजर और बीस मजदूर लगाकर कोठी तोड़ने की कार्रवाई शुरू हुई। दोपहर तक एक बुलडोजर चला। कोठी के तीन तरफ मलबा होने की वजह से बुलडोजर नहीं चल पाए। सिर्फ मजदूरों ने ही अंदर से कोठी को तोड़ा। शुक्रवार को पूरे दिन में सिर्फ कोठी का दस फीसदी हिस्सा टूट पाया। यानि दो दिनों की कार्रवाई में 70 फीसदी कोठी जमींदोज हो गई है। अभी 30 फीसदी कोठी ज्यों की त्यों खड़ी है, जिसे तोड़ना एमडीए के लिए चुनौती से कम नहीं है। दरअसल, कोठी का जो हिस्सा खड़ा है, उसकी दीवारों पर बुडन हुआ है, बाहर से भी पूरी तरह से सीमेंट लगा है, जिसे हथौड़े से तोड़ना मुश्किल हो रहा है।
मातहतों पर ही छोड़ दिया पूरा काम : शुक्रवार को एमडीए और पुलिस-प्रशासन का कोई भी अफसर कोठी पर नहीं पहुंचा। एमडीए ने अपने मातहत अफसरों को ही मजदूर लेकर कोठी तोड़ने के लिए भेज दिया। पुलिस के अफसर भी कोठी को देखने नहीं पहुंचे। सिर्फ थाना प्रभारी विजय गुप्ता चौकी इंचार्ज प्रवीण के साथ मौजूद रहे।
एसएसपी अजय साहनी का कहना है कि कोठी तोड़ने की जिम्मेदारी एमडीए की है। पुलिस की ड्यूटी कानून व्यवस्था के लिए लगाई गई है। सीओ से लेकर एसओ और पुलिस लाइन से वहां भेजा गया फोर्स मौजूद है। अब तक कोठी का 70 फीसद हिस्सा टूटा है। जल्द ही पूरी कोठी जमींदोज कर दी जाएगी।