इंटरचेंज की तरह घास उगाते तो नहीं कटते मिट्टी वाले किनारे

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मेरठ से भोजपुर के बीच मिट्टी वाले किनारे पर 63 स्थानों पर गड्

By JagranEdited By: Publish:Fri, 18 Jun 2021 08:15 AM (IST) Updated:Fri, 18 Jun 2021 08:15 AM (IST)
इंटरचेंज की तरह घास उगाते तो नहीं कटते मिट्टी वाले किनारे
इंटरचेंज की तरह घास उगाते तो नहीं कटते मिट्टी वाले किनारे

मेरठ,जेएनएन। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर मेरठ से भोजपुर के बीच मिट्टी वाले किनारे पर 63 स्थानों पर गड्ढे हो गए हैं। हर बार की बारिश के बाद नए गड्ढे हो जाते हैं या जो पहले से नहीं भरे जा सके हैं, वे गहरे हो रहे हैं। चिंता की बात यह है कि यदि ये गड्ढे क्रैश बैरियर को पार कर डामर वाली परत के नीचे तक पहुंचे तो किनारे वाली परत धंस सकती है क्योंकि भोजपुर में चढ़ाई वाले रैंप के किनारे वाली परत तीन बार धंस चुकी है।

एक्सप्रेस-वे के किनारे मिट्टी इसलिए कट रही है क्योंकि उस मिट्टी को रोकने के लिए न तो कंक्रीट डाली गई, न ही घास उगाई गई। थोड़ी बहुत घास वैसे तो पूरे एक्सप्रेस-वे के किनारे दिखाई दे रही है, लेकिन उतने भर से कटान नहीं रुक सकता। नियम है कि एक्सप्रेस-वे या हाईवे को बनाने के बाद मिट्टी भराव वाले किनारे पर कंक्रीट डालने के साथ घास उगाई जाए। इससे बारिश होने पर कटान न हो। किनारे की तरफ ऐसे पौधे न उगने पाएं जो पेड़ बनकर क्षति पहुंचाएं। इस एक्सप्रेस-वे पर भी घास दिखाई देती है और वह है परतापुर इंटरचेंज पर। जिस तरह से परतापुर इंटरचेंज पर घास उगाई गई है, यदि उसी तरह से पूरे 32 किमी तक घास उगा ली जाती तो किनारे नहीं कटते। हालाकि दावा है कि इस पूरे हिस्से पर नौ लाख वर्ग मीटर स्थान पर घास उगाई गई है। दोनों तरफ के किनारे 32 किमी तक सुरक्षित करने को घास रोपी गई। बारिश के भरोसे छोड़ी घास, नतीजा कटान

एक्सप्रेस-वे की ऊंचाई छह फीट है। बिलकुल नया एक्सप्रेस वे है और खेतों के बीच से गुजर रहा है। इसके बावजूद किनारे की तरफ घास उगाने में मेहनत करने के बजाय इसे बारिश के भरोसे छोड़ दिया गया। यह सोचकर कि बारिश आएगी तो अपने आप पानी मिलेगा और घास उग जाएगी। नतीजा यह हुआ कि किनारे की तरफ पहले जो घास रोपी गई थी, वह धूप के साथ सूख गई या फिर पर्याप्त नमी न मिलने से उग नहीं पाई, और अब जब बारिश हुई तो किनारे कटने लगे और गहरे गड्ढे हो गए। दूसरी ओर इंटरचेंज के किनारे उगी घास देखकर स्पष्ट हो जाता है कि इसे उगाने के लिए सिंचाई की गई है। यात्री डरें नहीं, यात्रा सुरक्षित है

-वर्तमान में एक्सप्रेस-वे के सभी लेन सुरक्षित दिख रहे हैं।

-लेन पर कहीं गड्ढा नहीं है, और न ही मिट्टी धंसी है।

-बिलकुल किनारे की तरफ सावधानी से चलें क्योंकि मिट्टी के किनारे कई स्थानों पर कटने से गड्ढे हो गए हैं। ये गड्ढे कुछ स्थानों पर क्रैश बैरियर के अंदर तक पहुंच गए हैं। इन्होंने कहा-

पूरे 32 किमी हिस्से पर सिर्फ चार स्थानों पर गड्ढे हुए, जिन्हें फौरन दुरुस्त कर दिया गया है। रही बात मिट्टी वाले हिस्से में गड्ढे की तो उन्हें रेन कट्स कहते हैं। ये सभी प्रोजेक्ट के साथ होता है। इससे एक्सप्रेस-वे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। उन गड्ढों को भी फौरन ठीक करने के लिए टीम तैनात है। मिट्टी वाले हिस्से में घास उगाई गई थी जोकि इस बारिश से पूरी तरह से हरी भरी हो जाएगी।

-मुदित गर्ग, परियोजना निदेशक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे

chat bot
आपका साथी