हिमालय में ग्लेशियर न पिघले तो मुख्‍यमंत्री योगी सड़क मार्ग से करेंगे गंगा यात्रा

सिंचाई विभाग ने निरीक्षण किया कि गंगा में साढ़े तीन मीटर की गहराई नदारद है इसलिए स्टीमर पानी में फंस सकती है। नहर से 10 हजार क्यूसेक छोड़ना संभव नहीं।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Fri, 10 Jan 2020 01:30 PM (IST) Updated:Fri, 10 Jan 2020 01:30 PM (IST)
हिमालय में ग्लेशियर न पिघले तो मुख्‍यमंत्री योगी सड़क मार्ग से करेंगे गंगा यात्रा
हिमालय में ग्लेशियर न पिघले तो मुख्‍यमंत्री योगी सड़क मार्ग से करेंगे गंगा यात्रा

मेरठ, [संतोष शुक्ल]। नदी के कायाकल्प के संकल्प के साथ होने वाली सीएम योगी की गंगा यात्रा पर पानी फिर सकता है। हिमालय में ग्लेशियर न पिघलने से गंगा में पानी तेजी से घट रहा है। ऐसे में स्टीमर चलाना संभव नहीं होगा। पानी की उपलब्धता न होने पर सीएम योगी सड़क मार्ग से गंगा यात्रा करेंगे। सिंचाई विभाग ने गुरुवार दिनभर सीएम योगी के लिए जलमार्ग तय करने की मशक्कत की। उधर, प्रशासन की टीम बिजनौर से रामराज, हस्तिनापुर, किठौर होते हुए नरौरा तक सड़क मार्ग का रूटमैप बनाने में जुट गई है।

18 दिन में और सूख जाएगी गंगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 27 जनवरी को गंगा यात्रा के लिए बिजनौर पहुंचेंगे। सिंचाई विभाग की टीम गंगा नदी में पानी में गिरते स्तर को देखकर परेशान है। कम से कम साढ़े तीन मीटर की गहराई पर ही स्टीमर चल सकती है। बिजनौर बैराज के पास गंगा नदी में फिलहाल भरपूर पानी है, लेकिन 18 दिन बाद प्रस्तावित गंगा यात्रा तक पानी का स्तर और गिर जाएगा। यहां से हस्तिनापुर की तरफ बढ़ने पर नदी का फैलाव बढ़ने से कई स्थानों पर पानी एक मीटर से भी कम रह गया है। सिंचाई विभाग और एनडीआरएफ की टीम ने वैज्ञानिकों से संपर्क किया तो पता चला कि इस बार ग्लेशियर जम गए हैं। न पिघलने से नदी में पानी की कमी हो गई है। उधर, टिहरी में 228 मीटर पानी उपलब्ध है, किंतु वहां से पानी मिलना मुश्किल है।

नहर पी लेती है रोज 10 हजार क्यूसेक पानी

बिजनौर बैराज से खुलने वाली गंग नहर में रोजाना दस हजार क्यूसेक पानी छोड़ना पड़ता है। सिंचाई विभाग सीएम योगी की यात्रा के लिए नहर का पानी दो दिन तक रोकने के विकल्प पर चर्चा कर रहा है, लेकिन इससे खेतीबाड़ी में बड़ी हानि होगी। संभव है कि बैराज से छह हजार क्यूसेक पानी गंगा में छोड़ा जाए, और चार हजार नहर में। उधर, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने एनडीआरएफ के मुख्यालय गाजियाबाद से संपर्क साधा है। सीएम योगी की सुरक्षा को लेकर हाईटेक स्टीमर की व्यवस्था हरिद्वार से कर सकता है। प्रोटोकॉल के मुताबिक सीएम की गंगा यात्रा में पांच अन्य स्टीमर भी चलेंगे, किंतु नदी में पानी की कमी देखते हुए अधिकारियों का आत्मविश्वास डगमगा रहा है। सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नदी में पानी की कमी तय है। प्रशासनिक अधिकारी भी मान रहे हैं कि नहर का पानी किसानों के लिए है, ऐसे में उसे रोकना आसान नहीं होगा। 

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