छह साल के फार्मूले में उलझे आइसीएसई स्कूल, अंक बढ़ाए तो पकड़ लेगा फार्मूला

सीआइएससीई की ओर से वर्ष 2021 के रिजल्ट के लिए जारी फार्मूले में आइसीएसई स्कूल उलझ गए हैं । छात्रों के साथ ही स्कूलों का रिजल्ट भी फार्मूले में शामिल यदि अंक बढ़ाए तो पकड़ लेगा फार्मूला ।

By Taruna TayalEdited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 05:43 PM (IST) Updated:Wed, 23 Jun 2021 05:43 PM (IST)
छह साल के फार्मूले में उलझे आइसीएसई स्कूल, अंक बढ़ाए तो पकड़ लेगा फार्मूला
सीआइएससीई के रिजल्ट के लिए जारी फार्मूले में आइसीएसई स्कूल उलझ गए।

मेरठ, जेएनएन। काउंसिल फार द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन यानी सीआइएससीई की ओर से वर्ष 2021 के रिजल्ट के लिए जारी फार्मूले में आइसीएसई स्कूल उलझ गए हैं। रिजल्ट में छात्रों के प्रदर्शन के साथ ही स्कूलों के पिछले छह सालों के प्रदर्शन को आधार बनाकर शामिल किया गया है। ऐसा इसलिए भी है क्योंकि यदि कोई स्कूल किसी भी छात्र के अंक बढ़ाने की कोशिश करेगा तो काउंसिल के फार्मूले में यह गड़बड़ी पकड़ में आ जाएगी। गणितीय फार्मूले से रिजल्ट निकालने के फार्मूले में स्कूलों के साल 2015 से 2020 तक के रिजल्ट में 400 में से अंग्रेजी के साथ बेस्ट थ्री विषय का अंक औसत देखा जाएगा।

हर टेस्ट को मिलाकर मांगा है औसत

काउंसिल ने स्कूलों से छात्रों के हर टेस्ट के हर विषय के औसत अंक मांगे हैं। कक्षा 10वीं के रिजल्ट के लिए नौवीं और 10वीं में हुए हर टेस्ट के हर विषय के औसत लिए जाएंगे। प्रोजेक्ट वर्क और प्रैक्टिकल को भी वेटेज मिलेगा। इसी तरह कक्षा 12वीं में भी 11वीं व 12वीं के हर टेस्ट के हर विषय के औसत निकाले जाएंगे। यदि किसी छात्र ने 10वीं अन्य बोर्ड से किया है तो उनके 10वीं बोर्ड परीक्षा के औसत अंकों को अंग्रेजी के साथ बेस्ट चार विषयों में प्राप्तांक से निकाला जाएगा।

ज्यादा आंकड़ों से परेशान स्कूल

काउंसिल के रिजल्ट फार्मूले में स्कूलों को छह साल के रिजल्ट के औसत को देखते हुए हर टेस्ट में हर विषय के औसत निकालने की प्रक्रिया काफी जटिल है। यह आंकड़ा बिना अच्छे साफ्टवेयर के निकाल पाना आसान नहीं है। इस फार्मूले से अक्सर औसत रिजल्ट देने वाले स्कूल के बेहतरीन प्रदर्शन वाले छात्रों का नुकसान हो सकता है।

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