काश पिता जी को मेडिकल में न लेकर आता

मेडिकल कालेज में उचित देखभाल न हो पाने की शिकायत करते हुए कई स्वजन मरीजो को यहां से ले जा चुके हैं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 13 May 2021 07:15 AM (IST) Updated:Thu, 13 May 2021 07:15 AM (IST)
काश पिता जी को मेडिकल में न लेकर आता
काश पिता जी को मेडिकल में न लेकर आता

मेरठ,जेएनएन। मेडिकल कालेज में उचित देखभाल न हो पाने की शिकायत करते हुए कई स्वजन मरीजों को यहां से ले जा चुके हैं। कुछ ऐसे हैं जो मरीज की मौत होने पर उस घड़ी को कोस रहे जब उन्होंने मेडिकल कालेज का रुख किया था। कंकरखेड़ा के दायमपुर के रहने वाले वीरेंद्र ने अपने पिता बाबूराम को 30 अप्रैल को मेडिकल के कोविड वार्ड में भर्ती कराया और पांच मई को उनका निधन हो गया। एक दिन पहले उनकी तबीयत ठीक लग रही थी। आक्सीजन का स्तर 95 हो गया था। अचानक उनकी तबीयत बिगड़ती चली गई। पिता का मोबाइल फोन व अन्य सामान लेने बुधवार को मेडिकल पहुंचे वीरेंद्र ने कहा कि पिताजी को यहां लाकर गलती की। अगर यहां न लाते तो शायद वे आज हमारे बीच होते। नहीं मिल रहा मोबाइल फोन

वीरेंद्र का कहना है कि पिता बाबूराम के पास एक मोबाइल फोन था जिससे उनकी बात आखिरी बार एक मई को हुई थी। उनकी मृत्यु के बाद फोन नहीं मिल रहा है। चार मई को फल भेजने के बाद भीतर से उनके स्वस्थ होने की जानकारी दी गई थी। अब फोन की मांग करने पर कोई भी कर्मचारी कुछ बताने को तैयार नहीं है। वीरेंद्र ने कोविड इंचार्ज डा. सुधीर राठी से बात की तो उन्होंने कहा कि संभव है कि मरीज ने फोन छिपा कर रख लिया हो और जमा नहीं कराया इसलिए नहीं मिल रहा है। उन्होंने इस बाबत लिखित आवेदन मांगा लेकिन फोन का पता एक सप्ताह के बाद भी नहीं चला।

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रुपये देकर ही मिलता है मिलने का मौका

पूनम गुप्ता की स्वजन कमलेश देवी कोविड वार्ड में भर्ती थीं। उन्हें अब मेडिसिन वार्ड में रखा गया है। मरीज को आराम मिलने के बाद भी वह उनका हाल नहीं जान पाती हैं। उनसे मिलने की कोशिश की तो मौके पर तैनात कर्मचारियों ने सौ से पांच रुपये तक की मांग की। रुपये देने के बाद ही मुलाकात कर सकीं। पूनम जल्द से जल्द स्वजन को घर ले जाना चाहती हैं।

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बुलाते रहते हैं, पर कोई नहीं आता

राजेंद्र कुमार ने बेटे कपिल को कोविड वार्ड में भर्ती कराया था। थोड़ा आराम लगा तो कपिल को आयुष्मान वार्ड में रखा गया। वैसे तो वहां इलाज में कोई कोताही नहीं बरती जा रही है लेकिन रात में बेटे को परेशानी होती है तो कोई देखने नहीं आता। बार-बार मदद के लिए बुलाने पर भी कोई नहीं सुनता।

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