मेरठ में दंपती का शव : कैसे खुली कमरे की खिड़की, कीचड़ में बाइक सवार कौन

सुरेशपाल और उसकी पत्नी शालू के कमरे के आसपास कई साक्ष्य हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। सुरेश के कमरे की खिड़की खुली हुई थी। कमरे के पास कीचड़ में गिरने वाला बाइकसवार कौन था। कमरे के बाहर खून के निशान हैं। पुलिस अभी जांच कर रही है।

By Edited By: Publish:Sun, 27 Sep 2020 06:00 AM (IST) Updated:Sun, 27 Sep 2020 06:00 AM (IST)
मेरठ में दंपती का शव : कैसे खुली कमरे की खिड़की, कीचड़ में बाइक सवार कौन
दंपति मामले में पुलिस कई बिंदुओं को लेकर जांच कर रही है।

मेरठ, जेएनएन। सुरेशपाल और उसकी पत्नी शालू के कमरे के आसपास कई साक्ष्य हत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। सुरेश के कमरे की खिड़की खुली हुई थी। कमरे के पास कीचड़ में गिरने वाला बाइकसवार कौन था। कमरे के बाहर खून के निशान हैं। यही नहीं सुरेशपाल एक मकान खरीदने की तैयारी कर रहा था। सबसे अहम सवाल यह है कि अचानक ऐसा क्या हुआ कि सुरेशपाल पत्नी की हत्या कर खुद फांसी पर लटक गया। पुलिस भी इन बिंदुओं को लेकर जांच कर रही है।

दुल्हैड़ा गांव में शुक्रवार सुबह सुरेश और उसकी पत्नी के शव कमरे से बरामद हुए थे। शनिवार को स्वजन दोनों के शव पैतृक गांव खाईखेड़ी ले गए और अंतिम संस्कार कर दिया। पुलिस का मानना है कि सुरेश ने अपनी पत्नी की हत्या कर खुद फांसी लगा ली। सुरेश दुल्हैड़ा निवासी गोपीचंद चौहान के घेर में किराए पर रहता था। गोपीचंद का कहना है कि गुरुवार शाम करीब साढ़े सात बजे वह घर चले गए थे। रात साढ़े नौ बजे घेर में आए और करीब साढ़े दस बजे सोने चले गए। सुरेश और शालू अपने कमरे में थे। उन्होंने कोई आवाज नहीं सुनी। सुबह दोनों के शव कमरे में मिले। कीचड़ में गिरा बाइक सवार गोपीचंद और पड़ोस की महिलाओं का कहना है कि गुरुवार रात करीब 8:30 बजे गांव में बिजली नहीं थी।

अंधेरे में एक बाइक सुरेशपाल के कमरे के पास से आई और कीचड़ वाली गली में चली गई। कीचड़ होने की वजह से इस गली में कोई ग्रामीण नहीं जाता। बाइक सवार गली में फिसलकर कीचड़ में गिरा भी। बाइक के पहिए के निशान भी इसकी पुष्टि करते हैं। मकान खरीदना चाहता था सुरेश पल्लवपुरम फेज-दो की पी-पॉकेट निवासी एक दुकानदार का कहना है कि सुरेश पी पॉकेट में ही रहता था। सुरेश और उसके जीजा की काफी नजदीकी थी। कुछ दिन पहले सुरेश ने एक मकान खरीदने की बात कही थी। मालिक 13 लाख रुपये मांग रहा था और सुरेश 11 लाख देने की बात कह रहा था। इसलिए बात नहीं बनी। हत्या और आत्महत्या नहीं कर सकता सुरेश सुरेशपाल दौराला से बेगमपुल तक खुद का टेंपो चलाता था। उसके दोस्तों का कहना है कि सुरेश ना तो पत्नी की हत्या कर सकता है और ना ही आत्महत्या। उसके दोस्तों का दावा है कि सुरेश के मवाना में दो मकान हैं और एक प्लाट भी है।

इनका कहना है

पुलिस सभी बिंदुओं पर गहन जांच-पड़ताल कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। स्वजनों ने भी कोई तहरीर नहीं दी है।

- संजीव कुमार दीक्षित, सीओ दौराला

खाईखेड़ा में दंपती का अंतिम संस्कार

दुल्हैडा में रह रहे दंपती की संदिग्ध हालात में मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम बाद दोनों के शव मवाना स्थित खाईखेड़ा पहुंचे। शनिवार सुबह अंतिम संस्कार कर दिया। गांव खाईखेड़ा निवासी सुरेशपाल पुत्र देशा टेंपो चालक था। दो साल पूर्व थाना भोजपुर क्षेत्र के गांव सैदपुर निवासी शालू से प्रेम विवाह किया था। वर्तमान में दोनों पल्लवपुरम थाना क्षेत्र के दुल्हैड़ा गांव में रहते थे। गत दिवस सुरेश का शव फांसी के फंदे पर लटका हुआ शालू का शव फर्श पर लहूलुहान अवस्था में पड़ा मिला था। पुलिस ने पति पर ही पत्नी की हत्या कर आत्महत्या करने की संभावना जतायी थी। सुरेशपाल के बड़े भाई फिरेराम ने बताया वह चार भाइयों में सबसे छोटा था। सूचना पर वह मौके पर पहुंच गये थे। महिला के स्वजन इस दौरान गांव पहुंच गए। गांव में पीड़ित स्वजन को सांत्वना देने वालों का तांता लगा था।

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